काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) या विश्वनाथ कॉरिडोर  हिंदुओं (Hindus) के लिए महान आस्था का प्रतीक है. 13 दिसंबर को पीएम मोदी (PM Modi) ने विश्वनाथ धाम का उद्घाटन अपने हाथों से किया था. तब से, मंदिर ने 7.5 करोड़ भक्तों से दान में 100 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड तोड़ आय अर्जित की है. इससे साफ पता चलता है कि लोगों की इसमें कितनी आस्था है.

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आज तक के अनुसार मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील वर्मा ने कहा कि इस पूरे साल में हमने कई बदलाव देखे हैं, चाहे वह लोगों के लिए सुविधाओं में वृद्धि हो.अन्य विकास कार्य होने पर भी 13 दिसम्बर को जयंती मनायी जायेगी, जिसमें प्रात: हवन-पूजन प्रारम्भ, विद्वानों का सम्मान होता है और फिर गोष्ठी भी होती है.

आज तक केअनुसार मंदिर की रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये की आय बताते हुए मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा ने आगे कहा कि जब धाम को शुरू किया गया था, तो अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित करने की कल्पना की गई थी, ताकि श्रद्धालु अपनी धार्मिक गतिविधियों को बेहतर तरीके से संपन्न कर सकें. इसके बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई और उद्घाटन से लेकर पूरे साल में 7.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जो एक नया रिकॉर्ड भी है.

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इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि मंदिर को दान भी बढ़ा और 40 प्रतिशत तक चढ़ावा ऑनलाइन प्राप्त हुआ. दान न केवल नकद बल्कि कीमती धातुओं के रूप में भी दिया जाता था. उन्होंने बताया कि राजस्व दो तरह से कमाया जाता है, एक सेवाओं के बदले प्राप्त होता है और दूसरा कीमती धातुओं के रूप में प्राप्त होता है.

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आज तक के अनुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि मंदिर को 50 करोड़ रुपये नकद मिले हैं और करीब 50 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं भी चढ़ावे में मिली हैं. इस गिफ्ट या डोनेशन को कमाई के नजर से नहीं देखा जा रहा है, बल्कि इस नजरिए से देखा जा रहा है कि लोग हमसे जुड़ रहे हैं. बेहतर सुविधाएं देने की प्रेरणा देने वाले विश्वनाथ मंदिर का उद्देश्य अधिक से अधिक सामाजिक और धार्मिक सरोकारों को जोड़ना है.