क्रूड ऑयल (Crude Oil) के बाद भारत (India) ने रूस (Russia) से भारी मात्रा में कोयले को आयात करना शुरू कर दिया है. जैसा कि आपको भी पता है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. ऐसे में रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद भारत में रूसी कोयले की खरीद में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी व्यापारी कोयले पर 30 प्रतिशत तक की छूट दे रहे हैं. रूस ने अप्रैल के महीने में यूरोपीय संघ को कोयले पर व्यापक प्रतिबंधों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा था कि उनका ये फैसला उल्टा पड़ेगा क्योंकि रूस का ईंधन किसी और बाजार की तरफ भेज दिया जाएगा.

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भारत ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग खत्म होनी चाहिए, लेकिन वह रूस से सामानों की खरीद नहीं रोक सकते. ऐसा करने से कई वस्तुओं के दामों में इजाफा होगा और ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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अमेरिकी अधिकारियों ने भारत से कहा है कि रूस से ऊर्जा आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसमें तेजी नहीं आनी चाहिए. बता दें कि रूस के साथ यूरोपीय संघ के व्यापार बंद होने की वजह से भारतीय खरीदारों को फायदा मिल रहा है. अधिक ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट होने के बावजूद वह भारी मात्रा में रूस से कोयला आयात कर रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो भारत ने बीते बुधवार तक 20 दिनों में लगभग 331.17 मिलियन डॉलर का कोयला या उससे जुड़े उत्पादों की खरीद की है. ये पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6 गुना ज्यादा है.

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इसी प्रकार भारतीय रिफाइनरियों ने रूस से भारी मात्रा में क्रूड ऑयल भी खरीदा है. आंकड़ों के अनुसार, बीते बुधवार तक 20 दिनों में भारत ने रूस से 2.22 मिलियन डॉलर का तेल आयात किया है. बता दें कि ये आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 31 गुना ज्यादा है.

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राइटर्स के मुताबिक, रूसी व्यापारी पेमेंट मोड को लेकर काफी उदार हैं. वह भारतीय रुपये और संयुक्त अरब अमीरात के दिरहम में पेमेंट स्वीकार कर रहे हैं. इसके अलावा कोयले पर छूट आकर्षक है और इसकी खरीद अभी जारी रहेगी. भारत ने तीन हफ्तों तक औसतन 16.55 मिलियन डॉलर का रूसी कोयला रोजाना खरीदा है. वहीं, पिछले 20 दिनों की अवधि में तेल की खरीद औसतन 110.86 मिलियन डॉलर प्रतिदिन थी.