भारतीय सेना के तीनों कमांडर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निपथ योजना (AgniPath Scheme) को लेकर कई सवालों के जवाब दिए. सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को साफ़ किया है कि अग्निपथ स्कीम को वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने जानकारी दी कि भविष्य में अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों की भर्ती एक लाख से अधिक हो जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र योजना का ‘विश्लेषण’ करने के लिए सेना के 46,000 उम्मीदवारों की भर्ती के साथ शुरुआत करेगा.
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सेना ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना को युवा लोगों की जरूरत है. आज सेना की औसत उम्र 32 साल है, इसे हम कम करके 26 साल पर करने की कोशिश करने की कोशिश कर रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि युवा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं ये हम सभी को पता है. अनिल पुरी डीएमए में एडिशनल सेक्रेटरी हैं. उन्होंने कहा कि 1989 में इस योजना पर विचार करना शुरू हो गया. और इसे लागू करने से पहले कई देशों में सेना में नियुक्तियों और वहां के एग्जिट प्लान का अध्ययन किया गया.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने क्या-क्या कहा
‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
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देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा.
हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे.
एयर फाॅर्स के एयर मार्शल एसके झा क्या-क्या बोले
भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह एक ऑनलाइन सिस्टम है. उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी.
दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे. 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी.