रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध छिड़ गया है. यूक्रेन ने दावा किया है कि यूक्रेनी सेना की वर्दी पहने रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के कई सैन्य वाहनों को जब्त कर लिया है. रूस ने युद्ध के पहले दिन लड़ाई के दौरान जबरदस्त तबाही मचाई है. रूसी सेनाएं लगातार यूक्रेन में आगे बढ़ती जा रही है. रूस ने यूक्रेन को अधिक नुकसान दिया है. अभी तक कई सैनिकों की मौत भी हो चुकी है. इस बीच भारत युद्ध पर नजर बनाए रखे हुए है. मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी (PM Modi) फिर शनिवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक कर सकते हैं.

बता दें कि गुरुवार को पीएम मोदी ने बैठक की थी. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस जयशंकर,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, एनएसए अजित डोभाल, हरदीप पुरी समेत कई समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे.

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इस समय भारत के सामने सबसे बड़ी चिंता है कि चिंता वहां फंसे नागरिकों की. सरकार भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए लगातार वैकल्पिक रास्ता तलाश रही है. भारत यूक्रेन के हालातों पर करीब से नजर रख रहा है. सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों, विशेषकर वहां पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है. कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों से शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है. इसी बीच दूतावास की तरफ से एक परामर्श जारी किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में फिलहाल करीब 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें ज्यादातर विद्यार्थी हैं.

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गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से बात की थी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी थी. पीएम मोदी ने अपने लंबे समय से चले आ रहे विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो के बीच मतभेद केवल ईमानदार और ईमानदार बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं.

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इस दौरान मोदी ने हिंसा को तत्काल बंद करने की अपील की थी और राजनयिक वार्ता और वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों और विशेष रूप से छात्रों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं के बारे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भी अवगत कराया और बताया कि भारत उनके सुरक्षित निकास और भारत लौटने को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है. मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे.

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