मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने शिवराज सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो इससे निपटने के लिए क्या तैयारी की गई है? गौरतलब है कि यह नोटिस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिया गया है.

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आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजे गए नोटिस में 6 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है और 28 मई तक जवाब देने को कहा हैं. आपको बता दे कि में कोरोना के इलाज और मौतों की जानकारी के अलावा जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के उपाय पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

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मानवाधिकार आयोग ने स्वास्थ विभाग को पत्र लिखते हुए छह बिंदुओं पर सवाल किया है.

1. 9 से 18 मई तक हर दिन जिलेवार कोरोना और ब्लैक फंगस के कितने मरीज मिले. इलाज व दवाओं के अभाव में कितने मरीजों की मौत हुई?

2. इन बीमारियों के उपयोग में आने वाली दवाईयों एवं इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?

3. इन बीमारियों की उपयोग में आने वाली दवाईयों/इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में कितनी FIR किन धाराओं में की गईं?

4. दवाओं व इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने हेतु क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं?

5. हर जिले में सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं?

6. कोरोना महामारी की यदि तीसरी लहर आती है,तो क्या व्यवस्थाएं की जा रही है?

इधर स्वास्थ विभाग भी आयोग को जवाब देने की तैयार कर चुका हैं. एसीएस मोहम्मद सुलेमान के अनुसार आयोग द्वारा मांगे गए सभी जवाबों को दिया जाएगा.

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