उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस मामले में पहली सुनवाई लखनऊ बेंच में होनी है, इसके लिए पीड़िता का परिवार लखनऊ के लिए निकल चुका है. यहां इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी हैं. तड़के सुबह पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच इस मामले में पीड़िता के परिवार लखनऊ भेज दिया गया.

हाथरस में हुए कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिये उप्र शासन द्वारा नोडल अधिकारी बनाये गये पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) शलभ माथुर ने बताया, ”सुबह करीब छह बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पीड़िता के परिजनों को लखनऊ भेजा गया है . इनमें पीड़िता की मां, तीन भाई और पिता शामिल हैं . इनके साथ मजिस्ट्रेट अंजली गंगवार और पुलिस क्षेत्राधिकारी के अलावा, परिवार की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी और पीएसी के जवान भी गये है .”

माथुर ने बताया कि परिवार की सुरक्षा में पुलिस की पांच एस्कॉर्ट गाड़ी भी साथ साथ चल रही है और इनके दोपहर 12 बजे तक लखनऊ पहुंचने की उम्मीद है . इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में आला अधिकारियों को एक अक्टूबर को तलब किया था. अदालत पीड़ित परिवार के बयान दर्ज करेगी . पीठ ने एक अक्टूबर को ही घटना के बारे में बयान देने के लिए मृत पीड़िता के परिजनों को बुलाया था .

न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने एक अक्टूबर को प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 12 अक्टूबर को अदालत में तलब किया था. यह मामला न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन राय की पीठ के समक्ष सोमवार को दोपहर बाद सवा दो बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है .

गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था. इसके बाद उसे नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया जहां 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई थी. इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर जबरदस्त हमला बोला था.