भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) बल के भारत-चीन एलएसी की रक्षा करने वाले बीस कर्मियों को पिछले साल पूर्वी लद्दाख इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध और संघर्ष के दौरान बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है. 

बहादुरी के लिए ये पदक स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित कुल 1,380 सेवा पदकों में से हैं. 

अवार्ड लिस्ट में वीरता के लिए दो राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी), वीरता के लिए 628 पुलिस पदक (पीएमजी), विशिष्ट सेवा के लिए 88 राष्ट्रपति पुलिस पदक और मेधावी सेवा के लिए 662 पुलिस पदक हैं. 

ITBP के 8 कर्मियों को 15 जून, 2020 को गलवान में वीरता, उच्च कोटि की रणनीति, सामरिक अंतर्दृष्टि और मातृभूमि की रक्षा के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है. 18 मई, 2020 को फिंगर 4 क्षेत्र में झड़प के दौरान 6 कर्मियों को वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है. 18 मई, 2020 को लद्दाख में ही हॉट स्प्रिंग्स के पास वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए 6 कर्मियों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है.

इन 20 को मिलेगा सम्मान 

1. रिंकू थापा, द्वितीय कमान अधिकारी 

2. शरत कुमार त्रिपाठी, डिप्टी कमांडेंट

3. अरबिंद कुमार महतो, सहायक कमांडेंट

4. नितिन कुमार, इंस्पेक्टर

5. पाटिल सचिन मोहन, सब इंस्पेक्टर

6. मनीष कुमार, हेड कांस्टेबल

7. मनीष कुमार, कांस्टेबल

8. कौप्पासामी एम, कांस्टेबल

9. अक्षय आहूजा, सहायक कमांडेंट

10. धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा, सहायक कमांडेंट

11. रवींद्र महाराणा, इंस्पेक्टर

12. शिव शंकर तिवारी, हेड कांस्टेबल

13. स्टैनज़िन थिनल्स, कांस्टेबल

14. विनोद कुमार शर्मा, सिपाही

15. किशोर सिंह बिष्ट, कमांडेंट

16 पंकज श्रीवास्तव, सहायक कमांडेंट

17 घनश्याम साहू, इंस्पेक्टर

18 अशरफ अली, कांस्टेबल

19. मो. शफकत मीर, कांस्टेबल

20. रिगज़िन दावा, कांस्टेबल

यह भी पढ़ें: जम्मू: टला बड़ा आतंकी हमला, पुलिस की गिरफ्त में 4 जैश आतंकी, एक यूपी के शामली का

जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) के सब इंस्पेक्टर अमर दीप और सीआरपीएफ के दिवंगत हेड कांस्टेबल काले सुनील दत्तात्रेय (मरणोपरांत) को शीर्ष बहादुरी पदक वीरता के लिए ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ से सम्मानित किया जाएगा. 

पूर्वी लद्दाख में झड़पों के दौरान भारतीय सेना के बीस जवान शहीद हो गए थे. चीन ने दावा किया था कि उसके पक्ष में हताहतों की संख्या पांच थी, जिसे व्यापक रूप से बहुत अधिक माना जाता है. 

बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाने के लिए आईटीबीपी के तीन कर्मियों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है. 

यह भी पढ़ें: आजादी और भारत-पाक विभाजन की कहानी: एक टेलीग्राम आया और बंट गई सेनाएं