नियंत्रण रेखा (LOC) से लगे सुदूर उत्तर कश्मीर में केरन और माछिल सेक्टर के तीन गांवों को राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जोड़ दिया गया है. इस तरह, इन इलाकों में रहने वाले लोगों का सात दशक लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया.

बिजली आपूर्ति शुरू होते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई. साथ ही, कुपवाड़ा के उपायुक्त अंशुल गर्ग के चेहरे पर भी खुशी झलक रही थी, जिन्होंने इन क्षेत्रों को राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जोड़ने में अहम भूमिका निभायी.

गर्ग ने से कहा, ” जब मैंने देश के इस सबसे उत्तरी जिले के उपायुक्त का पद संभाला, मैंने दूर-दूराज के इलाकों में रहने वाले आम लोगों से बातचीत करनी शुरू की, खासकर नियंत्रण रेखा के पास बसे गांवों के लोगों के साथ बातचीत की.”

फरवरी 2019 में उपायुक्त पदभार संभालने वाले गर्ग ने अपने शुरुआती दिनों में ग्रामीणों के साथ हुई बैठकों को याद करते हुए कहा, ” क्या हमें बिजली मिल सकती है सर? यह सवाल केरन और माछिल क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने किया और इस सवाल ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया. देश को स्वतंत्रता मिलने के सात दशक बाद, ये लोग मुझसे बिजली की सुविधा को लेकर सवाल कर रहे थे.”

उन्होंने कहा कि ”बिजली उपलब्ध” कराने से संबंधित फाइलों को निकाला गया और इस पर बेहद तेजी से काम शुरू किया गया.

गर्ग ने कहा, ”सरकारी विभाग फाइलों को एक से दूसरी जगह भेज रहे थे. तब मैंने खुद से यह वादा किया कि इन गांवों को किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जोड़ कर रहूंगा. ’’

उन्होंने कहा कि महीनों तक जमी रहने वाली बर्फ, अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद श्रमिकों की कमी और कोविड-19 महामारी के हालात के बावजूद जिला प्रशासन ने एलओसी के करीब स्थित केरन और माछिल सेक्टर के तीन गांवों को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने में सफलता प्राप्त की, जिसके बाद इन ग्रामीणों का सात दशक लंबा इंतजार समाप्त हुआ.