हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने में एकादशी दो बार आती है. एक कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष की. इस तरह साल में कुल 24 एकादशी आती हैं. लेकिन जिस वर्ष में मल मास या अधिक मास होता है, तो उसमें कुल 26 एकादशी होती हैं. इनमें ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकदशी सर्वोत्तम मानी जाती है. ऐसा कहते हैं कि निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और इसमें बिना पानी पिए व्रत रखा जाता है. कहा जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से आपको पूरी 26 एकादशी के व्रत का फल मिलता है. निर्जला एकादशी का व्रत इस बार शुक्रवार, 10 जून को रखा जाएगा.

चावल बिल्कुल न खाएं

शास्त्रों के मुताबिक, निर्जला एकादशी व्रत पर चावल‌ खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि जो इंसान एकादशी के दिन चावल का सेवन करता है उसे अगले जन्म में कीड़े का रूप लेकर पैदा होना पड़ता है.

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नमक का सेवन न करें

निर्जला एकादशी के व्रत में भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. यदि किसी से निर्जल व्रत नहीं रखा जाता है, तो वे फल खाकर और जल के सेवन के साथ व्रत कर सकते हैं. यदि आप व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी आपको इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए.

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ये चीजें बिल्कुल न खाएं

निर्जला एकादशी पर चावल, मसूर की दाल, मूली, बैंगन और सेम का सेवन भी नहीं करना चाहिए. यह बात उन लोगों के लिए है, जो निर्जला एकादशी का व्रत नहीं रख रहे हैं. ऐसा करने से आपको भगवान का आशीर्वाद मिलता है.

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अपने विचारों को सही रखें

इस दिन व्रत करते समय किसी के प्रति मन में बुरे विचार नहीं रखने चाहिए. इस दिन वाद-विवाद से बिल्कुल दूर रहना चाहिए. इसके अलावा, बेड या पलंग पर सोने की बजाए जमीन पर ही आराम करें.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.