मौसम विभाग ने चक्रवात यास (Cyclone Yaas) को लेकर पहले अलर्ट जारी कर दिया है. ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर और चक्रवात से निपटने के लिए तटीय इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं, नौसेना और भारतीय वायुसेना ने चक्रवात ‘यास’ से उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियां कल ली है. वायुसेना ने इसके तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए 11 परिवहन विमान और 25 हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं.

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पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात से निपटने के लिए सरकार द्वारा कई उपायों की शुरुआत करने के बीच वायुसेना ने रविवार को तीन अलग-अलग स्थानों से 21 टन राहत सामग्री और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 334 कर्मियों को हवाई मार्ग से कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर पहुंचाया.

अधिकारियों ने कहा कि राहत सामग्री, उपकरण और कर्मियों को पटना, वाराणसी और अराक्कोनम से पांच सी-130 विमानों का उपयोग करके पहुंचाया गया.

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एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह चक्रवात यास के मद्देनजर तैयारी के तहत है और अभियान 21 मई से जारी है. आज तक, भारतीय वायुसेना ने इस उद्देश्य के लिए 606 कर्मियों और 57 टन सामग्री को हवाई मार्ग से पहुंचाया है.’’

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) अभियानों के लिए तीन सी-130, चार एएन-32 विमानों और दो डोर्नियर विमानों सहित 11 परिवहन विमानों को तैयार रखा है.

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उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 11 एमआई-17 वी5, दो चेतक, तीन चीता और सात एमआई-17 हेलीकॉप्टर सहित लगभग 25 हेलिकॉप्टरों को भी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा गया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि चक्रवात यास के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिस दौरान हवा की गति 155-165 किमी प्रति घंटे रह सकती है. इससे पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.

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भारतीय नौसेना ने चक्रवात की तैयारियों के तहत चार युद्धपोतों और कई विमानों को तैयार स्थिति में रखा है.

चक्रवात ताउते के बाद नौसेना ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया.

नौसेना ने कहा कि आठ बाढ़ राहत दल और चार गोताखोर दल मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात हैं.

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