कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ फोन पर ‘‘अच्छी बातचीत’’ हुई और इस दौरान दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता, हालिया प्रदर्शनों और बातचीत के जरिए मुद्दों के समाधान के महत्व पर चर्चा की. ट्रूडो ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया था.

ट्रूडो ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र के साथ कई मुद्दों पर मेरी अच्छी बातचीत हुई और हमने आगे भी सम्पर्क में रहने को लेकर सहमति जतायी.’’

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कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन के संदर्भ में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए कनाडा और भारत की प्रतिबद्धता, हालिया प्रदर्शनों और बातचीत के जरिए मुद्दों के समाधान के महत्व पर चर्चा की.’’

ट्रूडो ने दिसम्बर में कहा था कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करता रहेगा और साथ ही उन्होंने स्थिति को लेकर चिंता भी व्यक्त की थी.

भारत ने इसके बाद कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब किया था और उनसे कहा था कि प्रधानमंत्री ट्रूडो और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों द्वारा किसानों के प्रदर्शन को लेकर की गई टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक ‘‘अस्वीकार्य दखल’’ है और अगर यह जारी रहा, तो इसका द्विपक्षीय संबंधों पर ‘‘ गंभीर रूप से हानिकारक’’ प्रभाव पड़ेगा.

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विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह भी एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि भारत की संसद में पूरी बहस और चर्चा के बाद ये तीन नए कृषि कानून पारित किए गए. विदेशी हस्तियों तथा देशों को किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की जांच-परख करने की अपील की थी.

कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं.

गत वर्ष सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.

दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.

फोन पर बातचीत के दौरान, ट्रूडो और मोदी ने अधिक टिकाऊ एवं लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया.

कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने कोविड-19 से निपटने, अपनी जनता के स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों और नागरिकों को आर्थिक समर्थन देने के लिए अपने-अपने प्रयासों पर बात की.’’

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों नेताओं ने टीके के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ावा देने में भारत के महत्वपूर्ण प्रयासों के बारे में बात की, जिससे दुनिया भर के देशों को बड़ी मदद मिली है.’’

दोनों नेताओं के बीच टीके को सभी तक पहुंचाने के लिए एकसाथ काम करने को लेकर भी सहमति बनी.

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों नेता जी7, जी20 और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के लिए भी मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं.’’

इस बीच, नयी दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रूडो को भारत-कनाडा के टीकाकरण प्रयासों में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

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