बिहार के मधुबनी जिले में गुरुवार को कोर्ट रूम के अंदर दो पुलिसकर्मियों ने एक जज पर कथित रूप से हमला कर दिया. जिसके बाद पटना उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. दोनों आरोपियों को ADJ पर हमला करने के मामले में जेल भेज दिया गया है.

खुद से सम्बंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पुलिसकर्मी कोर्ट रूम में घुसे और झंझारपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार पर कथित तौर पर बंदूक तान दी और उनपर हमला किया. न्यायाधीश सुरक्षित हैं  लेकिन कथित तौर पर हुई घटना से भयभीत हैं. 

थाना प्रभारी गोपाल कृष्ण और सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार ने जज को बचाने की कोशिश कर रहे वकीलों और कोर्ट के कर्मचारियों पर भी हमला किया, जिससे वे घायल हो गए.

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इस घटना को “अभूतपूर्व और चौंकाने वाला” बताते हुए, न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने डीजीपी को 29 नवंबर को एक सीलबंद लिफाफे में घटना से संबंधित स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है, जब मामले की फिर से सुनवाई होगी. डीजीपी को भी उस दिन अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. 

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रकरण न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है. इस प्रकार हम उत्तरदाताओं को मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक बिहार, प्रमुख सचिव, गृह विभाग और पुलिस अधीक्षक (मधुबनी) को नोटिस जारी करना उचित समझते हैं.”

पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश के बाद शाम करीब सात बजे मामले की विशेष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया. प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुबनी द्वारा मामला उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया गया. घटना को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.

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