बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस के स्‍पेशल टास्‍क फोर्स ( एसटीएफ) ने रविवार को मुख्‍य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही बलिया से दो और नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

यह जानकारी पुलिस ने दी है.

एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने रविवार को बताया, ”बलिया कांड के मुख्‍य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को राजधानी के पालिटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया गया है.”

उन्‍होंने ‘भाषा’ को बताया कि धीरेंद्र प्रताप सिंह से घटना में प्रयुक्‍त असलहों के बारे में पूछताछ की जा रही है. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी बलिया पुलिस को दी गई है. पूछताछ के बाद आरोपी को बलिया पुलिस को सौंप दिया जाएगा.

बलिया पुलिस ने भी घटना के दो नामजद आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है .

पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे ने बताया कि दुर्जनपुर की घटना से संबंधित नामजद आरोपी संतोष यादव व अमरजीत यादव को बलिया शहर कोतवाली के वैशाली क्षेत्र से सुबह गिरफ्तार किया गया.

उन्होंने बताया कि इन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उन्होंने बताया कि इस कांड के नामजद आरोपियों की सम्पत्ति गैंगस्टर कानून के तहत जब्त की जायेगी.

पुलिस इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

इसके पहले मुख्य आरोपी धीरेंद्र का एक कथित वीडियो वायरल हुआ जिसमें उसने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं.

धीरेंद्र ने सोशल मीडिया में शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया है . उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने बैठक के पहले ही बवाल होने की आशंका जताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया.

गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे. इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई तथा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है.