कोरोना के चलते लोगों के ऊपर परेशानियों का पहाड़ जैसा टूट गया है. कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया तो कई लोगों ने अपनी नौकरी. इन सब कारणों के चलते लोगों का डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारी का विकास होने लगा है. इससे बचने के लिए कई लोग मानसिक डॉक्टर का सहारा लेते है तो कई लोग इसे एक टैबू समझकर मन ही मन में घुटते रहते हैं. अगर आपके साथ भी डिप्रेशन जैसी समस्या हो रही है तो इन 5 तरीकों से इससे बाहर निकलें.

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व्यायाम का लें सहारा- डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति को हर दिन 15 से 30 मिनट व्यायाम करनी चाहिए. इसमें आप डांस, जॉगिंग या साईकिल चलाइए लेकिन खुद को व्यस्त रखिए. डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में आलस भर जाता है. जिस वजह से अपने आप को प्रेरित करने के लिए अपने किसी मित्र को साथ में व्यायाम करने के लिए कहें. एक बार जब आप व्यायाम की आदत डाल लेते हैं, तो आपके मूड में अंतर आने में देर नहीं लगती.

संतुलित आहार लें: डिप्रेशन भूख को प्रभावित कर सकता है. ऐसा संभव है कि डिप्रेशन के चलते आपको खाना खाने का बिल्कुल भी मन न हो. लेकिन संतुलित आहार किसी व्यक्ति के मूड और ऊर्जा को प्रभावित करता है. इसलिए खूब सारे फल और सब्जियां खाएं और नियमित भोजन करें (भले ही आपको भूख न लगे, कुछ हल्का खाने की कोशिश करें, जैसे कि फल का एक टुकड़ा, ताकि आप चलते रहें).

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परेशानी को समझें: उन परेशानियों की पहचान करें जिनके कारण आप डिप्रेशन का शिकार हुए हैं. उन परेशानियों को जान लेने के बाद अपने सबसे भरोसेमंद व्यक्ति से आपकों उन परेशानियों के बार में शेयर करना चाहिए. इससे यकीनन आपको हल्का महसूस होगा.

पॉजिटिव रहें: समस्याओं को पहचाने के बाद उन पर विजय पाने के लिए अपना ध्यान उन चीज़ो पर लगाएं जो आपको सबसे ज्यादा पसंद हों. फिर चाहे वह क्रिकेट, पेंटिंग, ड्राइंग, सिलाई, लेखन, नृत्य या संगीत आदि कुछ भी हो. इससे आपके भीतर कुछ सकारात्मक भावनाएं भी आएंगी. आपको किसी दोस्त या पालतू जानवर के साथ खेलने के लिए भी समय निकालना चाहिए और कुछ मज़ेदार करना चाहिए.

खुलकर मुस्कुराएं: ऐसा कहा जाता है कि हसंना कई बीमारियों को ठीक कर सकता है. हंसी आपके मूड को हल्का करने में मदद करती है. इसके साथ ही जितना हो सके उतना अपने आस पास की अच्छी चीज़ों को नोटिस करें. धैर्य बनाऑए रखें क्योंकि डिप्रेशन ठीक होने में समय लगता है.

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