भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने आज 26 अप्रैल को स्कूलों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच 6 से 12 साल के आयु वर्ग के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सिन’ (Covaxin) के सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. 

DCGI ने वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक को प्रतिकूल घटनाओं के डेटा सहित सुरक्षा डेटा को पहले दो महीनों के लिए हर 15 दिनों में उचित विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. दो महीने के बाद भारत बायोटेक को 5 महीने तक का मासिक डेटा जमा करने को कहा गया है.

यह भी पढ़ें: बच्चों में पहले दिखता है कोरोना का ये वेरिएंट, लक्षण दिखते हो जाएं सतर्क

हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया है, “भारत की कोविड से लड़ाई अब और अधिक मज़बूत हो गई है. 6 से 12 आयुवर्ग के लिए ‘Covaxin’ और 5 से 12 आयुवर्ग के लिए ‘Corbevax’ और 12 से ऊपर के आयुवर्ग के लिए ‘ZyCoV-D’ की 2 डोज को मंजूरी दी गई है.”

DCGI ने 24 दिसंबर 2021 को 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए Covaxin को सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. 

इसके अलावा DCGI ने 5-12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए ‘कॉर्बेवैक्स’ (Corbevax) को सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान की है. ‘कॉर्बेवैक्स’ मौजूदा समय में 12 से 14 के आयु वर्ग के बच्चों को दिया जा रहा है.

15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए कोविड-19 टीकाकरण इस साल 3 जनवरी को शुरू हुआ था. इसके बाद पिछले महीने से 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगाया जाने लगा. 

यह भी पढ़ेंः हज यात्रा को लेकर आया है बड़ा अपडेट, 80 हजार लोगों को मिलेगा मौका

बच्चों में कोरोना के लक्षण?

कोरोना का नया वेरिएंट XE सामने आया है जिसकी चपेट में सबसे पहले बच्चे आ रहे हैं. अगर बच्चों में डायरिया की समस्या हो रही है तो इसको हल्के में ना लेते हुए डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा बुखार, गले में दर्द, सूखी खांसी, थकान, सांस लेने में समस्या, नाक बहना, ठंड लगना, सिर दर्द बने रहना, उल्टी होना और दस्त का बढ़ना नए वेरिएंट के लक्षण हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर पैरेंट्स को घबराना नहीं है बल्कि लक्षण दिखते ही अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ेंः स्कूल, पैरेंट्स और छात्रों के लिए दिल्ली में जारी हुईं नई COVID गाइडलाइन

कोरोना के नए वेरिएंट से कैसे करें बचाव?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, माता-पिता को ये जानना जरूरी है कि बच्चे की लाइफस्टाइल कैसी चल रही है. उसे अच्छी रखें, उनका खान-पान और टीकाकरण समय पर करवाएं और जब उनकी कोरोना की वैक्सीन आए तो तुरंत वो लगवाएं. माता-पिता और टीचर्स को बच्चों के न्यूट्रीशन का भरपूर ध्यान रखना होगा साथ ही बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग में रखें तो ज्यादा अच्छा रहेगा. घर के साथ स्कूल परिसर को भी स्वच्छ रखना जरूरी है और बच्चों को हाथ धोना सिखाएं. साथ ही उनकी लाइफस्टाइल को अच्छा रखने की कोशिश करें.