उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लिए एक पांच साल की बच्ची का नमूना टेस्ट के लिए पुणे के शीर्ष प्रयोगशाला में भेजा गया है. बता दें कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है.

गाजियाबाद के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) भवतेश सांखदार ने बताया, “5 साल की बच्ची के शरीर पर खुजली और रैशेज की शिकायत होने के बाद एहतियात के तौर पर मंकीपॉक्स की जांच के लिए उसके सैंपल लिए गए. उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है और न ही उसने और न ही उसके किसी करीबी ने पिछले 1 महीने में विदेश यात्रा की है.”

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “गाजियाबाद मामला संदिग्ध है और निगरानी के लिए नमूने ICMR एनआईवी पुणे भेजे गए हैं.”

गाजियाबाद के CMO ने कहा कि यह मंकीपॉक्स का मामला नहीं लगता.  उन्होंने कहा, “शायद उसने बहुत सारे आम खाए, जिससे ये हुआ है… ये मंकीपॉक्स की तरह नहीं दिख रहा है.”

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अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, पहली बार मंकीपॉक्स बीमारी 1958 में सामने आई थी. उस समय रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण पाया गया था इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया था. इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दिए थे.

कीपॉक्स के लक्षणों के बारे में जानें

1. मंकीपॉक्स वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिन तक का होता है. कई बार ये 15 से 21 दिन का भी हो सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें इंक्यूबेशन पीरियड का मतलब होता है कि संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखने में कितने दिन लगे.

2. मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के 5 दिन के अंदर व्यक्ति में बुखार, तेज सिर दर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण नजर आते हैं. बता दें कि मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकन पॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है.

3. बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू हो जाता है. शरीर पर लाल दाने निकलने लगते हैं. हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं. ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूख कर गिर जाते हैं.

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