Bird Flu: एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) वो बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा ए वायरस (virus) के कारण होती है. यह बीमारी कई प्रकार के प्रजाति के पक्षियों को होती है. इससे पक्षियों के स्वास्थ्य और उत्पादन पर तो असर पड़ता ही है साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) भी प्रभावित होता है, जिससे पोल्ट्री (Poultry) उद्योग पर भी खासा असर देखने को मिलता है.

एवियन इन्फ्लूएंजा से आमतौर पर मनुष्य संक्रमित नहीं होते हैं. इस वायरस को जुनोटिक वायरस माना जाता है, जिसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पक्षी के संपर्क में आता है तो वो संक्रमित हो सकता है. ऐसे बहुत कम मामले देखे गए हैं जब पोल्ट्री पर इसका प्रभाव पड़ता है.

यह भी पढ़ें: क्या है कोरोना का नया वैरिएंट Omicron BF.7? वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर करते हुए जारी की चेतावनी

एवियन इन्फ्लूएंजा से हो सकती है पक्षियों की मौत

बता दें कि कुछ एवियन इन्फ्लूएंजा दुसरे वायरस की अपेक्षा अधिक रोगजनक होते हैं जो तेजी से बीमारी फैलाते हैं. इसी वहज से जब कभी भी ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा पोल्ट्री में एंट्री करता है जो अधिक रोगजनक है तो वो बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत का कारण बन सकता है. लेकिन जब कम रोगजनक वेरिएंट से पक्षी प्रभावित होते हैं तो इससे उनके जान का खतरा तो कम होता है लेकिन इससे वो बीमार हो जाते हैं और अंडे भी कम देते हैं.

यह भी पढ़ें: लाल से नहीं हरे सेब से शरीर में बनेगा इंसुलिन! Diabetes रोगी तुरंत कर लें आहार में शामिल

एवियन इन्फ्लूएंजा से मनुष्य की सेहत पर पड़ता है ये असर

एवियन इन्फ्लूएंजा खासतौर पर पक्षियों में फैलने वाली बीमारी है. लेकिन जब कभी इंसान उन इन्फेक्टेड पक्षियों के संपर्क में आते हैं तो वो भी इसके असर से प्रभावित हो जाते हैं. आमतौर पर मनुष्यों में इस वेरिएंट के असर से हल्की सांस की दिक्कतों से लेकर गंभीर रूप से निमोनिया के लक्षण भी देखने को मिलते हैं. एवियन इन्फ्लूएंजा के कुछ वेरिएंट ऐसे होते हैं जो ज्यादा खतरनाक होते हैं, जैसे-एच5एन1 और एच7एन9. ये वेरिएंट इंसानों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं जिससे उनकी मौत भी हो सकती है. लेकिन इस बीमारी के लिए उचित इलाज और दवाएं भी उपलब्ध है जो बीमारी के इलाज में कारगर है. यदि इस बीमारी के लक्षण हो तो समय पर डॉक्टरी इलाज करवा लेना चाहिए वरना अधिक गंभीर रूप लेने पर ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है.

यह भी पढ़ें:  T20 WC 2022: कोरोना संक्रमित खिलाड़ियों को लेकर ICC का बड़ा फैसला, सुनते ही खुशी में उछल पड़ेंगे खिलाड़ी

घरेलू पक्षी भी हो सकते हैं संक्रमित

  एवियन इन्फ्लूएंजा से घरेलू पक्षी भी संक्रमित हो सकते है यदि वो जंगली पक्षियों के संपर्क में आते हैं. यह जंगली पक्षियों के द्वारा दूषित पानी से भी हो सकता है. बता दें कि पोल्ट्री फार्म में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का बढ़ने का मतलब है कि इस वेरिएंट को बढ़ने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में संक्रमित पक्षियों को मारना.

क्या ऑस्ट्रेलिया में एवियन फ्लू संक्रमण हैं

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ऑस्ट्रेलिया को घरेलू पक्षी आबादी में एवियन इन्फ्लूएंजा से मुक्त रूप में वर्गीकृत किया गया है.यहां के जंगली पक्षियों में कम रोगजनक इन्फ्लूएंजा का वायरस बहुत कम स्तर पर विद्यमान है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में कई बार कभी कम तो कभी अधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा का प्रकोप देखने को मिला है. इसलिए हाल ही में विक्टोरिया में फार्म्स को प्रभावित करने वाला वेरियंट के कारण बीमारी को खत्म करने के लिए कई पक्षियों मारना पड़ा.

यह भी पढ़ें: क्या है Chikungunya? जानें लक्षण से लेकर बचाव तक सारी बातें

खास बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में इन प्रकोपों से उत्पन्न होने वाली बीमारियों का असर इंसानों को प्रभावित नहीं कर सका है.ऑस्ट्रेलिया में आयात के माध्यम से रोग की शुरुआत को रोकने के लिए बहुत सख्त जैव सुरक्षा उपाय हैं. इसलिए, देश में इस बीमारी के आने का खतरा बहुत कम है.

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप को रोकने के लिए जंगली पक्षियों और पोल्ट्री पक्षियों के बीच में होने वाले संपर्क पर विशेष ध्यान दिया जाता है. पिछले दशक में, हमने ऑस्ट्रेलिया में घरेलू प्रकोपों ​​​​की संख्या में तेजी देखी है.