Teachers Day Movies in Bollywood: शिक्षक इंसान को ना सिर्फ किताबी बातें सिखाते हैं बल्कि जीवन के कई पहलुओं को भी बताते हैं. माता-पिता के बाद शिक्षक ही ऐसे होते हैं जो हमारी गलतियों पर डांटते और अच्छे कामों पर शाबाशी देते हैं. पढ़ाई-लिखाई इंसान के जीवनभर काम आती है और इसे हमको शिक्षक ही सिखाते हैं. शिक्षकों के सम्मान में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है. 

बॉलीवुड में भी कई ऐसी फिल्में बनी हैं जो बेस्ट गुरु-शिष्य पर आधारित फिल्में हैं. आपको उन फिल्मों से सीख लेने की जरूरत होगी, एक बार जरूर इन फिल्मों को देखें.

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गुरु-शिष्य के प्रेम को दर्शाने वाली 5 बॉलीवुड फिल्में

1. परिचय (Parichay)

साल 1972 में आई गुलज़ार द्वारा की फिल्म परिचय में अभिनेता जितेंद्र ने एक ऐसे अध्यापक का किरदार निभाया, जो सही मायने में एक शिक्षक होते हैं. उन्हें एक बड़े घर के कुछ बिगड़े बच्चों को सुधारने और पढ़ाने का काम मिलता है. 

2. ब्लैक (Black)

साल 2005 में आई संजय लीला भंसाली की फिल्म ब्लैक में गुरु-शिष्य के रिश्ते को बहुत ही अलग तरीके से बयां किया गया. फिल्म में एक अंधी लड़की (रानी मुखर्जी) होती है जिसे कोई पढ़ाता-लिखाता नहीं है क्योंकि वो कभी-कभी हिंसात्मक कदम उठा लेती है. मगर शिक्षक के रूप में आए अमिताभ बच्चन उस बच्ची की हर परेशानी को समझते हैं और उसे ग्रेजुएशन करवा देते हैं.

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3. इक़बाल (Iqbal)

साल 2005 में आई नगेश कुकुनूर की फिल्म इक़बाल एक बेहतरीन रही है. गुरु-शिष्य की समझ को इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. ये कहानी एक गूंगे-बहरे बच्चे (श्रेयष तलपड़े) की है जो गांव का लड़का है, जो नेशनल लेवल पर क्रिकेट खेलना चाहता है. उसका साथ कोई नहीं देता, लेकिन एक ऐसे शिक्षक (नसीरूद्दीन शाह) उसके जीवन में आते हैं जो उसे सुनते, समझते और उसके लिए कुछ करना चाहते है.

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4. तारे जमीन पर (Tare Zameen Per)

साल 2007 में आई आमिर खान की फिल्म ‘तारे जमीन पर’ एक बेस्ट साबित हुई थी. फिल्म एक ऐसे छात्र (दर्शील सफारी) की कहानी को दिखाया गया है, जिसका मन पढने में नहीं लगता है. कोई उसे समझता नहीं था, तभी उस बच्चे के जीवन में राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) की एंट्री होती है, जो ना सिर्फ उसकी परेशानी समझता है, बल्कि उसे इस समस्या से बाहर भी निकालता है.

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5. चक दे इंडिया (Chak De India)

साल 2007 में आई आदित्य चोपड़ा की फिल्म चक दे इंडिया महिला हॉकी मैच पर आधारित थी. इसमें भारत के कोने-कोने से आई लड़कियों को कोच कबीर खान (शाहरुख खान) ना सिर्फ अनुशासन सिखाते हैं, बल्कि उन्हें ये भी समझाने में कामयाब होते हैं कि जब हम देश के लिए खेलते हैं तो हम किसी राज्य से आए प्लेयर नहीं, बल्कि इंडियन ही कहलाते हैं.

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6. थ्री इडियट्स (3 Idiots)

साल 2009 में आई राज कुमार हिरानी की फिल्म थ्री इडियट्स में गुरु-शिष्य का रिश्ता कैसा होना चाहिए ये तो बताया ही गया है, इसके साथ ही दोस्ती को निभाने के गुण भी सिखाए. इस फिल्म में आमिर खान, आर माधवन और शरमन जोशी स्टूडेंट होते हैं लेकिन अहम किरदार आमिर का होता है जो अपने कॉलेज के प्रिंसिपल (बोमन ईरानी) को सिखाते हैं कि अपने शिष्यों के साथ हमेशा गुस्से या गर्माहट के साथ पेश नहीं आना चाहिए.

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7 नील बटे सन्नाटा (Neel Bate Sannata)

साल 2016 में आई अश्विनी अय्यर तिवारी की फिल्म नील बटे सन्नाटा मां-बेटी (स्वरा भास्कर और रिया शुक्ला) के रिश्ते पर आधारित है. एक अनपढ़ मां चाहती है कि उसकी बेटी खूब पढ़े लिखे, इसके लिए वो एक बड़े घर में काम भी करती है. मगर जब वो एक स्कूल में अपनी बच्ची के एडमिशन के लिए जाती है तो वो हो जाता है साथ ही उसे भी पढ़ने की सलाह दी जाती है. इसमें मां-बेटी की ठन जाती है लेकिन इसे जितने प्यार से दिखाया गया है वो देखने पर आपको समझ आएगा.

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8. हिचकी (Hichki)

साल 2018 में आई सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म हिचकी में रानी मुखर्जी ने एक ऐसी महिला की भूमिका निभाई थी जिसे एक ऐसी बीमारी होती है जिसके मुंह से रह-रहकर अजीब सी आवाज आती है. वो अपनी इस बीमारी से परेशान रहती हैं लेकिन एक सफल टीचर बनना चाहती हैं. उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल पाती लेकिन एक ऐसी जगह मिलती है जहां उन्हें बस्ती के बच्चों को संभालना पड़ता है. टास्क चैलेंजिंग होता है और उस अध्यापिका का मजाक भी वो बच्चे बहुत बनाते हैं लेकिन वे अपनी अच्छाई से उनका दिल जीत लेती हैं और सफल होती हैं.