महाभारत (Mahabharat) के भीम उर्फ एक्टर प्रवीण कुमार सोबती (Praveen Kumar Sobti) अब नहीं रहे. बीमारी और आर्थ‍िक तंगी से जूझ रहे प्रवीण ने 74 साल की उम्र में दुन‍िया को अलव‍िदा कह दिया. भीम जैसे बलशाली किरदार को निभाकर अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले प्रवीण कुमार जिंदगी के आखिर दिनों में पैसों और पहचान के लिए संघर्ष करते रहे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह एक्टिंग और स्पोर्ट्स दोनों में माहिर थे. चलिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी खास बातें.

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महाभारत में आने से पहले थे एथलीट

प्रवीण कुमार सोबती का जन्म 6 दिसंबर 1947 में पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उनका 18 साल की उम्र में 6 फुट 7 इंच लंबा कद देखने वालों को हैरान कर देता था. महाभारत सीरियल से उन्हें फेम जरूर मिला था, लेकिन वह एक एथलीट भी थे. हैमर और डिस्कस थ्रो यान‍ि गोला फेंक और चक्का फेंक गेम में एश‍िया के नंबर वन ख‍िलाड़ी थे, उनकी टक्कर का खिलाड़ी कोई नहीं था. गोल्ड मेडल जीत चुके प्रवीण ने महाभारत सीरियल में काम किया और उससे उन्हें घर-घर में पहचान मिली.

एक इंटरव्यू में प्रवीण ने कहा- ‘एक भी दिन ऐसा नहीं जब मैं 3 बजे ना उठा हूं. गांव में जिम जैसी कोई चीज नहीं थी और ना ही तब तक मैंने ऐसी चीज देखी थी. मां घर में जो चक्की अनाज पीसने के लिए इस्तेमाल करती थी, उसी की सिल्ल‍ियों का वजन उठाकर मैं ट्रेनिंग करता था. मैं सुबह 3 बजे से सूरज निकलने तक ट्रेनिंग करता था और देसी खाने से मैंने अपनी बॉडी बनाई थी.

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सुरक्षा बल में मिली थी नौकरी

प्रवीण ने कई प्रतियोगिताएं जीती और 1966 के कॉमनवेलथ गेम्स में डिस्कस थ्रो के लिए उनका सिलेक्शन किया गया. उन्हें अपने खेल की वजह से सीमा सुरक्षा बल में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिली थी. उनकी नौकरी लगी ही थी, कि बीआर चोपड़ा के महाभारत में भीम के किरदार के लिए बलशाली लड़का चाहिए था. फिर उनकी मुलाकात बी आर चोपड़ा से होते ही उनका सेलेक्शन हो गया. महाभारत के अलावा चाचा चौधरी में साबू का रोल और करीब 50 फिल्मों में काम किया था. उन्होंने 100 रुपये के शगुन के साथ अपने एक्ट‍िंग कर‍ियर की शुरुआत की थी.

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राजनीति में भी आए थे प्रवीण कुमार सोबती

पहले प्रवीण कुमार राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन एक दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनके घर गए और आम आदमी पार्टी में शामिल होने का अनुरोध किया. प्रवीण ने पहले मना कर दिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने जब कहा कि देश का भला करने के लिए राजनीति में अच्छे लोगों का होना जरूरी है. 2013 में वे आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़ गए. उन्होंने वजीरपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. एक इंटरव्यू के दौरान प्रवीण ने बताया कि उन्हें राजनीति जम नहीं पाई थी.

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