केंद्र सरकार ने छात्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत 12 करोड़ छात्रों के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया जाएगा. ये पैसा मिड डे मील (MDM) के तहत छात्रों को प्रत्यक्ष लाख अंतरण के जरिए पैसा मुहैया कराने का फैसला किया गया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 11 करोड़ 80 लाख छात्रों को विशेष राहत उपाय के तौर पर यह सहायता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार के इस उपाय से देश में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में एक से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को लाभ होगा.
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शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक हजार दो सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मुहैया कराएगी. इस निर्णय से कोविड महामारी के दौरान बच्चों को जरूरी पोषण उपलब्ध कराने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा, केंद्र सरकार के इस एक बार के विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे.
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मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) 15 अगस्त 1995 को शुरू की गई थी. इसे ‘नेशनल प्रोग्राम ऑफ न्यूट्रिशनल सपोर्ट टू प्राइमरी एजुकेशन’ के तहत शुरू किया गया था. साल 2017 में इस एनपी-एनएसपीई का नाम बदलकर ‘नेशनल प्रोग्राम ऑफ मिड डे मील इन स्कूल’ कर दिया गया.
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