रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक और बैंक को बंद करने का फैसला किया है. आरबीआई को इस बैंक की वित्तीय स्थिति खराब मिली है जिसके बाद इसे बंद करने का आदेश जारी किया गया है. वहीं, इस आदेश के बाद बैंक के ग्राहकों का जमा पैसा फिलहाल फंस गया है. लेकिन ये बाद में वापस मिल जाएगा.

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RBI ने जिस बैंक पर रोक लगाई है उसका नाम है पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक (Peoples Co-Operative Bank) जो उत्तर प्रदेश में हैं. इस बैंक पर रोक लगाने के साथ बैंक को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है. इस सबंध में आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और लिक्विडेटर की नियुक्ति करने का आदेश भी जारी करने को कहा है.

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आरबीआई ने बैंक को बद करने के कारणों का खुलासा करते हुए कहा, पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में इस बैंक को कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो ये जनहित में नहीं होगा. इस वजह से बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया जा रहा है.

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बैंक बंद होने पर ग्राहकों का पैसा फंस जाता है. वहीं, कई ग्राहकों का पैसा वापस नहीं मिल पाता है. हालांकि, ऐसा केवल 1 प्रतिशत ग्राहकों के साथ होता है. क्योंकि, देश में लागू नियमों के अनुसार अगर बैंक बंद किया जाता है, तो उसमें जमा 5 लाख रुपये तक ही सुरक्षित होता है. इसका मतलब अगर ग्राहक का बैंक में जमा पैसा ब्याज को मिलाकर 5 लाख रुपये तक है, तो वह पूरा वापस किया जाता है. लेकिन अगर 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो केवल 5 लाख रुपये की वापस मिलता है. ये पैसा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) एक्ट, 1961 के तहत वापस मिलता है.

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बता दें, आरबीआई ने लगातार चौथे बैंक को बंद किया है. हालांकि, जो भी बैंक अब तक बंद हुए हैं वह को-ऑफरेटिव बैंक ही है. इसमें सरजेरोदादा नायक शिराला सहकारी बैंक, इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक, और मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का नाम शामिल है.