Til Ki Kheti: देश में बड़े पैमाने पर तिलहन की खेती की जाती है. इस फसल (Crop) से कम समय में किसानों को अच्छा फायदा मिलता है. तिल का सबसे अधिक प्रयोग तेल (Oil) बनाने के लिए किया जाता है. बता दें कि पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, तेलांगाना और मध्य प्रदेश में तिल की अच्छी-खासी खेती होती है.

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कब करें तिल की बुवाई

अगर आप तिल की खेती करना चाहते हैं. तो इसकी बुवाई आप जुलाई महीने के लास्ट तक कर सकते हैं. एक हेक्टेयर में तिल की बुवाई के लिए 5 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है.

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बुवाई से पहले आप ये विशेष ध्यान रखें कि खेतों में नमी अवश्य हो. अगर खेतों में नमी नहीं होगी तो बुवाई ना करें. वरना फसल का सही तरीके से विकास नहीं होगा. बुवाई के लिए मिट्टी का पीएच रेंज 5 – 8.0 के बीच होनी चाहिए. इस दौरान खरपतवार का नियंत्रण जरूर रखें. बुवाई करने से पहले दो से तीन बार निड़ाई और गुड़ाई करके खेत को सही तरीके से तैयार कर लें.

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कितनी तापमान की आवश्यकता

तिल की खेती के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता होती है. यह फसल 25-35 डिग्री तापमान के बीच अच्छे तरीके से विकास करेगी. यदि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है. तो गर्म हवाएं तिल से तेल की मात्रा को कम कर देती हैं और अगर तापमान 15 डिग्री से कम चला जाता है. तो भी तिल की फसल को नुकसान पहुंचता है.

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किसान कमा सकते हैं लाखों का मुनाफा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तिल की खेती से कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तिल से तेल की मदद से कई प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इसी कारण से मार्किट में इसकी कीमतें बहुत ज्यादा है. कई बड़ी कंपनियों के द्वारा भी तिल अच्छी कीमतों पर किसानों से खरीदें जाते हैं.