Sugercane Farming: देश में गन्ने की खेती अधिक की जाती है. गन्ना (Sugarcane) उत्पादन के मामले में पूरी दुनिया में भारत पहले स्थान पर है. लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) जैसे राज्यों में गन्ने की खेती में होते नुकसान के मद्देनजर उत्पादन के मामले में भी कमी देखी गई है. इन सब परेशानी से निपटने के लिए कृषि विशेषज्ञों के द्वारा किसानों को गन्ने की फसल के साथ ऐसी फसलों की बुवाई की सलाह दी जाती है, जो कम समय में अधिक मुनाफा दे जाएं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ सालों से किसानों को खेती की सहफसली तकनीक अपनाने की सलाह दी जा रही है. इस तकनीक के मुताबिक, एक मुख्य फसल के साथ किसान खेतों में 4 से 5 ऐसी फसलों को लगा सकते हैं, जो कम समय में अधिक मुनाफा दे जाएं. अगर किसन ऐसा करते हैं. तो मुख्य फसल की लागत निकल ही आएगी. इसके अलावा एक्स्ट्रा मुनाफा भी होगा.

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गन्ने के साथ इन फसलों की करें खेती किसान

गन्ने के साथ-साथ किसान अलसी,अदरक, लहसुन, मेंथा की फसलों के अलावा सब्जियों को भी लगा सकते हैं. बता दें कि गन्ने की फसल को तैयार होने में 13 से 14 महीने का समय लगता है. वहीं, किसान कुछ फसलों से सिर्फ 60 से 90 दिनों के बीच में लगा कर और कटाई कर मुनाफा हासिल कर लेंगे.

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बढ़ेगा मुनाफा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रति इकाई क्षेत्रफल से ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर आमदनी को आसानी से बढ़ाया जा सकता है. गन्ने में प्रारम्भिक अवस्था में लगने वाली लागत को मुख्य फसल के तैयार होने से पहले ही सहायक फसल से निकला जा सकता है. इस फसल प्रणाली में गन्ने के साथ दलहनी फसलों को खेतों में उगाकर किसान मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है. प्रकाश, पोषक तत्व, मृदा से नमी और खाली जगह का समुचित प्रयोग किया जा सकता है. पानी,उर्वरक, श्रम और पूंजी आदि को बचाकर लागत को कम किया जा सकता है.