देश में कटहल (Jackfruit) की खेती बड़े पैमाने पर खेती (Farming) की जाती है. विश्व का सबसे बड़ा फल कटहल को भी कहते हैं. इसका पूर्ण विकसित पौधा (Plant) कई वर्षो तक पैदावार देता है. इसके पके हुए फल को ऐसे भी खाया जा सकता है. कटहल में पौटेशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो कि जो स्वस्थ रखने में लाभकारी हैं.

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कहीं भी कर सकते हैं कटहल की खेती

इसकी फसल को सभी प्रकार की भूमि में कर सकते है. लेकिन बलुई दोमट मिट्टी को कटहल की खेती (How to Cultivate Jackfruit) के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए विशेष ध्यान रखें कि इसकी फसल में भूमि जल-भराव वाली न हो. इसकी खेती में भूमि का P.H. मान 7 के आस-पास होना चाहिए. कटहल की खेती जून से सितंबर महीने में की जा सकती है.

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कटहल की खेती के लिए आद्र और गर्म जलवायु को अधिक उपयुक्त माना जाता है. इसके पौधे ज्यादा गर्मी और वर्षा के मौसम में सरलता से वृद्धि कर लेते है. लेकिन ठंड के मौसम में गिरने वाला पारा इसकी फसल के लिए हानिकारक साबित होता है. कटहल का पौधा एक बार सही तरीके से तैयार हो जाने पर कई वर्षो तक पैदावार देता है.

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कटहल का कैसे करते हैं उपयोग

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कटहल के फलों को विकास के साथ कई तरह से प्रयोग में लाया जाता है. मध्यम उम्र के फल, जिसे सब्जी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

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कटहल को उस समय तोड़ना चाहिए, जब उसका गूदा कठोर और कोर मलायम हो और डंठल का रंग गहरा हरा हो. इसके अतिरिक्त यदि आप कटहल के पके फलों का सेवन करना चाहते हैं. तो इसे फल लगने के करीब 100 से 120 दिनों बाद तोड़ लेना चाहिए. यदि किसान कटहल की खेती बड़े स्तर पर करते हैं. तो सरलता से वर्ष में 8 से 10 लाख रूपये का मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं.