Ashwagandha Ki Kheti: देश में परंपरागत फसलों (Crops) से हटकर किसान (Farmer) मेडिसिनल प्लांट्स की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. इससे किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने में भी अधिक मदद मिल रही है. यदि आप भी अश्वगंधा की खेती करके बढ़िया मुनाफा पाना चाहते हैं. तो हम आपको यहां इस बारे में विस्तृत जानकारी देंगे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अश्वगंधा की खेती सितंबर के महीने में की जाती है. इसके बीज, छाल और फल का इस्तेमाल कर कई प्रकार की दवाइयां बनाई जाती हैं. इसका उपयोग चिंता और तनाव को दूर करने में भी किया जाता है.

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बंपर होगा मुनाफा

विशेषज्ञों के मुताबिक, किसान अश्वगंधा की खेती कर 50 प्रतिशत से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि उत्तर भारत के किसान अश्वगंधा की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं.

अश्वगंधा की खेती के लिए बीज की जरूरत

यदि आप अश्वगंधा की खेती एक हेक्टेयर में करना चाहते हैं. तो आपको 10 से 12 किलों बीज की आवश्यकता होगी. ये बीज 7-8 दिनों में अंकुरण की अवस्था में आ जाते हैं. इसके बाद बीजों को खेतों में खेतों में पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर लगा दिया जाता है.

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दवाओं को बनाने में किया जाता है उपयोग

बता दें कि अश्वगंधा को एक देशी औषधीय पौधा भी माना जाता है. अश्वगंधा का प्रयोग भारतीय चिकित्सा पद्धितियों में भी अधिक किया जाता है. अश्वगंधा के पौधें की जड़ का इतेमाल यूनानी और आयुर्वेद दवाओं को भी बनाने में किया जाता है.

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जानें किस समय करें कटाई?

इसकी फसल की बुवाई के 160 से 180 दिन के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है. आप इन्हें अश्वगंधा के पौधें को काटकर इनकी पत्तियों, छाल और जड़ों को अलग कर मार्किट में बेचकर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.