Cardamom Farming Tips: भारत के कई हिस्सों में किसानो के द्वारा बड़े स्तर पर मसालों की खेती की जाती है. जिनसे वह फसल (Crop) की अच्छी देखभाल कर बढ़िया मुनाफा कमाते हैं. एक ऐसी ही फसल है इलायची (Cardamom Farming)की. किसान इसके द्वारा भी बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी खेती (Farming) उन राज्यों में ही बढ़िया होती है, जहां वर्ष भर में 1500-4000 मिमी बारिश होती है.

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इलायची की खेती के लिए ये मिट्टी उपयुक्त

इलायची की फसल 10-35 डिग्री सेल्सियस में अच्छे से विकास करती हैं. इसके लिए दोमट, काली मिटटी अधिक बढ़िया मानी जाती है. इसके अतिरिक्त दोमट मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली काली मिट्टी पर भी इलायची की खेती की जा सकती है. लेकिन रेतीली मिट्टी पर इसकी खेती करने से फसल को अधिक नुकसान हो सकता है.

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रोपाई से लेकर तुड़ाई तक का जानें तरीका

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके पौधों को खेत में लगाने से पहले इसे नर्सरी में तैयार किया जाता है. एक किलोग्राम इलायची का बीज की मात्रा 1 हेक्टेयर में नर्सरी तैयार करने के लिए सही रहता है. रोपाई करने के 2 वर्ष बाद इसमे फल लगने लगते हैं. फल लगने के बाद प्रत्येक 15-25 दिनों के अंतराल पर तुड़ाई की जाती है. आप इस समय कोशिश करें उन इलायची की तुड़ाई करें जो पूरी तरह से पक चुके हो.

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होगा इतना बंपर मुनाफा

इलायची का प्रयोग कन्फेक्शनरी, भोजन, पेय पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है. इसी कारण से मार्केट में इलायची की मांग अधिक रहती है. प्रति हेक्टेयर135 से 150 किलोग्राम तक इलायची की उपज हासिल की जा सकती है. मार्किट में इलायची की कीमत 1100 से लेकर 2000 हजार रुपए प्रति किलोग्राम के बीच रहती हैं. तो ऐसे में किसान 1 हेक्टेयर में वर्षभर 3 रुपये तक लाख तक का मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं.