भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश का पालन करते हुए कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने लाखों खाते बंद कर दिए हैं, जिससे कई छोटे व्यवसाय मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. बैंकों ने आरबीआई के नियमों का हवाला देते हुए ग्राहकों को अपने चालू खातों (Current Account) को बंद करने या फ्रीज करने के बारे में ईमेल भेजे हैं. निर्देशों के अनुसार ऐसे लोगों के करेंट अकाउंट खोलने से मना किया गया है जिन्होंने दूसरे बैंकों से लोन ले रखा है.

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RBI के नए दिशा निर्देश

RBI ने निर्देशों में कहा है कि बैंक उन कस्टमर्स के करंट अकाउंट अपने यहां नहीं खोले, जिन्होंने किसी दूसरे बैंक से लोन ले रखा है. दरअसल रिजर्व बैंक बैंकों को उन अकाउंट होल्डर्स को करंट अकाउंट नहीं खोलने का निर्देश दिया है जिन्होंने दूसरे बैंक से लोन ले रखा है. ताकि, वह उन ग्राहकों के कैश पर नजर रख सकें. कई लोग जिस बैंक से लोन लेते और दूसरे बैंकों में करेंट अकाउंट खोलकर फंड्स की हेराफेरी कर रहे थे जिसपर रोक लगाने के लिए RBI ने यह फैसला लिया.

एसबीआई ने बंद किए 60,000 से भी ज्यादा खाते

स्टेट बैंक ने 60,000 से भी ज्यादा खातों को बंद किया है. आपको बता दें कि पिछले साल बनाए गए नियम के मुताबिक, लोन लेने वाले का केवल उसी बैंक में चालू खाता हो सकता है जिसमें उसकी कुल उधारी का कम से कम 10 फीसदी हिस्सा हो.

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कई लोगों ने उनके बैंक खाते को अचानक बंद कर देने के लिए शिकायत की कि यूनियन बैंक ने आरबीआई द्वारा भारी जुर्माना का हवाला देते हुए उनके चालू खाते को तदर्थ तरीके से फ्रीज कर दिया था.

जहां बैंकरों का कहना है कि उन्हें ग्राहकों को होने वाली कठिनाइयों की जानकारी है, उनका दावा है कि इन खातों को बंद करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था. एक निजी बैंक के एक कार्यकारी ने कहा, “हमने पिछले साल से ग्राहकों को कई अनुस्मारक भेजे हैं, साथ ही इन खातों को बंद करने के लिए हमारे संबंध प्रबंधकों द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई की है, लेकिन कई उधारकर्ताओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अंतिम क्षण का इंतजार किया.”

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