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कौन हैं मनसुख मंडाविया? स्वास्थ्य मंत्री बनते ही ट्रोल हो गए

  • मनसुख मंडाविया को बुधवार को डॉ हर्षवर्धन की जगह भारत का नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है. 
  • मंडाविया का पोर्टफोलियो अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि देश कोरोनोवायरस महामारी के बीच में है.
  • मंडाविया साल 2016 से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्वपूर्ण युवा चेहरा रहे हैं.

Written by:Nandani
Published: July 08, 2021 07:40:31 New Delhi, Delhi, India

मनसुख मंडाविया को बुधवार को डॉ हर्षवर्धन की जगह भारत का नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है. मंडाविया का पोर्टफोलियो अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि देश कोरोना वायरस महामारी के बीच में है. खुद एक डॉक्टर, हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रभारी थे. कोविड महामारी के बीच उन्होंने भारत में टीके विकसित करने के लिए काम किया. हालांकि, संकट के बीच में उनकी विभिन्न टिप्पणियों को आलोचकों ने असंवेदनशील और जमीनी हकीकत से अनभिज्ञ बताया था. 

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आइए जानते है नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बारे में

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के एक भाजपा नेता, मंडाविया साल 2016 से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्वपूर्ण युवा चेहरा रहे हैं. उन्हें पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में सड़क परिवहन और राजमार्ग, शिपिंग और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. 30 मई, 2019 को उन्हें फिर से रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्ग के स्वतंत्र प्रभार के साथ शपथ दिलाई गई.

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1 जुलाई 1972 को भावनगर जिले के हनोल गांव में एक किसान परिवार में जन्मे मंडाविया पहली बार साल 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और साल 2018 में फिर से चुने गए.

इससे पहले, उन्होंने गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. इसके अलावा उन्होंने भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में शामिल होने से पहले, आरएसएस की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी.

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साल 2013 में उन्हें राज्य भाजपा का सबसे कम उम्र का सचिव और 2014 में महासचिव बनाया गया था. 2014 में, वह भाजपा के मेगा सदस्यता अभियान के प्रभारी भी बने, जिसके दौरान एक करोड़ लोग शामिल हुए.

अगले वर्ष 2015 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था जहाँ उन्होंने ‘सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा’ पर भाषण दिया था.

केंद्रीय मंत्री के रूप में, उन्हें 5,100 से अधिक जन औषधि स्टोर स्थापित करने का श्रेय भी दिया गया. उन्होंने सस्ती दरों पर 850 से अधिक दवाएं और हार्ट स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की लागत को कम करने के लिए भी काम किया है. ऑक्सो से बने 10 करोड़ सैनिटरी पैड बेचने के लिए जन औषधि केंद्रों की श्रृंखला का उपयोग करके महिलाओं के मासिक धर्म स्वच्छता के कारण उनके योगदान के लिए उन्हें यूनिसेफ द्वारा सम्मानित किया गया था.

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