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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

सावन में नॉन-वेज क्यों नहीं खाना चाहिए? जानें साइंटिफिक कारण

सावन के महीने में अधिकतर लोग नॉन-वेज फूड से दूरी बना लेते हैं. क्या आपको पता है कि इस परंपरा के पीछे धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी हैं. यहां जानें सावन में नॉन वेज फूड को खाने से आपके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है.

Written by:Kaushik
Published: July 16, 2022 05:14:26 New Delhi, Delhi, India

हिन्दू (Hindu) धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व माना जाता है. इस बार सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो गया है. सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के यज्ञ-अनुष्ठान कराते हैं. तो कई लोग सावन के महीने में कांवड़ यात्रा (kanwar Yatra) भी निकालते हैं. 

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि सावन के महीने में अधिकतर लोग नॉन-वेज (Non-Veg) फूड के दूरी बना लेते हैं. घर के बड़े सदस्य किसी तर्क दिए धर्म के आधार पर सावन के महीने में नॉन-वेज नहीं खाने की सलाह देते हैं और लोग इस बात का पालन भी करते हैं. क्या आपको पता है कि इस परंपरा के पीछे धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी हैं. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सावन में नॉन वेज फूड का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए और इसको खाने से आपके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है.

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बारिश के मौसम में पाचन शक्ति हो जाती है कमजोर: ज़ी न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, बरसात के मौसम में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. सावन के महीने में बारिश के कारण मौसम में नमी और आर्द्रता बनी रहने की वजह से इसका प्रभाव हमारे पाचन तंत्र पर भी पड़ता है और यह कमजोर हो जाता है. वेज की तुलना में नॉन-वेज फूड पचने में अधिक वक्त लेता है और पाचन शक्ति कमजोर होने की वजह से नॉन-वेज फूड आंतों में सड़ने लगते हैं और इसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

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खाने की चीजें जल्दी हो जाती हैं खराब: देशभर में सावन के महीने में अधिक बारिश होती है. इस वजह से वातावरण में फफूंदी, फंगस और फंगल इंफेक्शन बढ़ने लगते हैं. इस मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब होने लगती हैं और इसका सबसे अधिक प्रभाव नॉन-वेज फूड पर होता है. ह्यूमिडिटी बहुत अधिक होती है और सूर्य की रोशनी का अभाव होता है, जिसकी वजह से खाने की चीजें जल्दी संक्रमित हो जाती हैं.

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जानवर बारिश के मौसम में हो जाते हैं बीमार: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बरसात के मौसम में कीड़े-मकोड़ों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है, जो कई बीमारियों की वजह बनती है. अधिकतर जानवर घास-फूस खाते हैं और बारिश के मौसम में वे कई प्रकार के कीड़ों का भी सेवन कर लेते हैं. इस वजह से वे बीमार हो जाते हैं और नॉन-वेज फूड खाने पर संक्रमण लोगों में भी पहुंच सकता है.

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बरसात के मौसम में मछलियां देती हैं अंडे: इस मौसम में सी-फूड का सेवन करने भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. क्योंकि इस मौसम में मछलियां अंडे देती हैं और इस कारण से उनको बॉडी में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. इस समय सी-फूड भी खाना सेहत के लिए सही नहीं है. क्योंकि इसका प्रभाव भी हमारे हेल्थ पर पड़ता है.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

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