Why Radha married Ayan Know Reason in Hindi: हिंदू धर्म के ईष्ट देवता माने जाने वाले भगवान विष्णु के दो ऐसे अवतार हुए जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हुए. वो अवतार हैं श्रीराम और श्रीकृष्णा के जो अलग-अलग युग में पैदा हुए और समाज का उद्धार करके गए. अगर बात श्रीकृष्णा की करें तो वो जितने चंचल स्वभाव के थे उतने ही गंभीर भी थे. उनका प्रेम प्रसंग काफी प्रचलित है जो राधा के साथ रहा. राधा-कृष्ण ने कभी शादी नहीं की लेकिन उनका प्रेम इतना पवित्र था कि आज भी उनका नाम साथ में ही लिया जाता है. श्रीकृष्ण ने रुकमणी समेत करीब 16000 शादियां की और राधा ने अयान नाम के एक व्यक्ति से शादी की. अब सवाल ये है कि जब प्रेम श्रीकृष्ण थे तो राधा ने अयान से शादी क्यों की थी?

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राधा ने अयान से शादी क्यों की थी? (Why Radha married Ayan)

राधा ने श्रीकृष्ण से शादी नहीं की (Why Radha married Ayan) इसके पीछे कई कारण अलग-अलग धार्मिक ग्रंथों में बताए गए हैं लेकिन जो मत सबसे ज्यादा प्रचलित है वो काफी अलग है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक समय एक व्यक्ति ने तपस्या करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया और भगवान ने उससे वर मांगने को कहा. उस व्यक्ति ने अपने घर में लक्ष्मी का जन्म मांग लिया. भगवान ने तथास्तु कहकर उनके घर में राधा का जन्म कराया जो लक्ष्मी का ही रूप थीं और असल में भगवान विष्णु की पत्नी थीं.

विष्णु की का अवतार श्रीकृष्ण थे इसलिए राधा-कृष्ण के बीच पवित्र प्रेम रहा लेकिन हालातों के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई. बहुत से लोग सोचते हैं कि श्रीकृष्ण जब भगवान के अवतार थे तो अपने प्रेम को अपना बनाना उनके लिए आसान था लेकिन वो इंसान की योनी में थे इसलिए वो भी हालात के आगे मजबूर रहे. वो कंस के वध के लिए धरती पर आए थे इसलिए उन्हें वृंदावन छोड़कर जाना पड़ा.

Why Radha married Ayan
फुलेरा दूज की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। (फोटो साभार: Pixabay)

राधा की शादी के लिए उनके माता-पिता परेशान रहने लगे जैसा कि हमेशा से होता आया है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु अपनी पत्नी को दूसरे पुरुष के साथ कैसे देख सकते थे इसलिए उन्होंने अयान को किन्नर बनाया और राधा ने उनसे शादी की. शादी के बाद भी राधा ने श्रीकृष्ण को ही प्रेम किया और आज भी राधा-कृष्ण का नाम साथ में लिया जाता है.

हालांकि कौन सा मत सही है इसके बारे में खुलकर कहीं कुछ नहीं लिखा है. ऐसा माना जाता है कि अयान की मृत्यु के बाद राधा श्रीकृष्ण के महल में दासी बनकर काम करने लगीं. उन्होंने मरते दम तक श्रीकृष्ण की सेवा की और उनकी बाहों में अपने प्राण त्यागे. अब इन सभी बातों में कितनी बात सही है कितनी नहीं ये कहना मुश्किल होगा क्योंकि यहां लिखी बातें सबसे ज्यादा प्रचलित कथाओं से ली गई है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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