Shardiya Navratri Day 5 Skandamata: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर को हुई और आज इसका पांचवा दिन मनाया जा रहा है. नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है जो मां दुर्गा के स्वरूपों में एक रूप हैं. ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा विधिवत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता का पसंदीदा भोग लगाएं, उका मंत्र पढ़ें और अंत में आरती करके भोग वितरण करें. मां दुर्गा की कृपा से आपके रुके हुए कार्य पूरे होंगे और आप जीवन में सुख-समृद्धि को आकर्षित करेंगे. स्कंदमाता की पूजा कैसे करनी चाहिए, कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए और क्या भोग लगाना चाहिए चलिए आपको विस्तार से बताते हैं.

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नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा विधि (Shardiya Navratri Day 5 Skandamata)

भगवान स्कंद की माता होने की वजह से मां को स्कंदमाता (Skandamata) नाम से जाना जाता है. मां को अपने पुत्र के नाम के साथ संबोधित किया जाना प्रिय है. मां की उपसना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. मां की कृपा से रुके हुए काम भी संभव हो जाते हैं. मां को खुश करने के लिए स्कंदमाता स्तोत्र पाठ, कवच और आरती अवश्य करें. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा के पांचवें दिन (Fifth Day of Navratri) देवी स्कंदमाता की पूजा करने से महिलाओं की खाली गोद भर जाती है.

मां स्कंदमाता मंत्र (Maa Skandmata Mantra)

-बीज मंत्र – ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
-ध्यान मंत्र – सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी.
-पूजा मंत्र – या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

आपकी जानकारी के लिए बता दें, देवी स्कंदमाता को भी पीले रंग का फूल प्रिय है. देवी की पूजा-अर्चना करने से खुद भगवान कार्तिकेय की उपासना भी हो जाती है. स्कंद देव को देवों का सेनापति माना जाता है. इनकी पूजा से व्रती की मनोकामना पूरी होती है. मां स्कंदमाता की पूजा में हरे रंग का प्रयोग करें. मान्यताओं के मुताबिक, इससे देवी बहुत खुश होती हैं और साधक को जीवन ऊर्जा से भर जाता है. हरा रंग कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है. स्कंदमाता को पीला फल और पीली मिठाई का भोग लगाना शुभ माना गया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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