Sawan Puja Special In Hindi: भगवान शिव को अतिप्रिया माना जाने वाला सावन का महीना 4 जुलाई से शुरु हो चुका है, जो कि 31 अगस्त तक चलने वाला है. इस बार सावन का महीना बहुत ही खास माना जा रहा है, क्योंकि इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का हो रहा है. ऐसा अधिक मास के चलते हो रहा है. आपको बता दें कि इस बार 4 सावन के सोमवार नहीं, बल्कि 8 सावन (Sawan Puja Special) के सोमवार पड़ रहे हैं. भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए यह महीना बहुत ही शुभ माना गया है. मान्यता है कि जो भी साधक विधि विधान से सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना कर के उन्हें प्रसन्न करता है. उसके जीवन से कष्ट गायब हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है. ऐसे में भगवान शिव की पूजा में कुछ खास पत्तियों को शामिल करना अत्यंत शुभ माना गया है, तो चलिए जानते हैं.

यह भी पढ़ें: Importance of Yogini Ekadashi: क्या है योगिनी एकादशी का महत्व? जानें व्रत कथा भी

सावन में शिवलिंग पर कौन कौन सी पत्तियां चढ़ानी चाहिए –

1- बेलपत्र

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि जो भी भक्त अपनी पूजा में बेलपत्र को शामिल कर लेता है, भगवान शिव उस साधक से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और उस पर अपनी कृपा की बारिश करते हैं.

2- शमी की पत्तियां

यदि आपको बेलपत्र आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. ऐसे में आप पूजा में शमी के पत्ते भी अर्पित कर सकते हैं. मान्यता है कि इसे चढ़ाने से आपकी हर मनोकापना पूर्ण हो सकती है.

यह भी पढ़ें: Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी कब है? जान लें तारीख, महत्व और क्या करें-क्या न करें

3- पीपल के पत्ते

धार्मिक दृष्टि से पीपल के पत्तों का विशेष महत्व माना गया है. ऐसे में आप शिवलिंग पर पीपल के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं. मान्यता है कि इस पत्ते को अर्पित करने से साधक के समस्त कष्ट मिट जाते हैं.

4- भांग के पत्ते

यदि आप चाहें, तो शिवलिंग पर भांग के पत्ते भी अर्पित कर सकते हैं. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ काफी प्रसन्न हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें: Adhik Maas 2023 Purnima: कब है अधिक मास पूर्णिमा? जान लें तारीख और इस पूर्णिमा का महत्व

5- दूर्वा

मान्यतानुसार, शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाना भी काफी कल्याणकारी माना गया है. ऐसा करने से व्यक्ति को दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.