Pradosh Vrat In Hindi: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है. बता दें कि यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है.  हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत धारण किया जाता है. आपको बता दें कि अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है. भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए प्रदोष व्रत धारण करना चाहिए. गौरतलब है कि प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को आता है. यह व्रत दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस व्रत की खास यह है कि यह व्रत सूर्यास्त के समय पर निर्भर करता है. तो चलिए जानते हैं मई 2023 में पड़ने वाले प्रदोष व्रतों के बारे में.

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मई माह में प्रदोष व्रत कब है? (Pradosh Vrat 2023 Dates)

हिंदू पंचांग के अनुसार, मई माह में दो प्रदोष व्रत पड़ने वाले हैं. इनमें पहला प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत है, जो कि 3 मई 2023 दिन बुधवार को धारण किया जाएगा. आपको बता दें कि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत की शुरुआत 02 मई 2023 रात 11:18 बजे से हो जाएगी और समापन की बात करें, तो वह 03 मई 2023 रात 11:50 बजे पर होगा. वहीं अगर कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत की बात करें, जो कि 17 मई को पड़ रहा है. इस प्रदोष व्रत की शुरुआत 16 मई 2023 रात 11.36 से हो जाएगी, जो कि 17 मई 2023 की रात 10.28 तक रहने वाली है.
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प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh Vrat Ka Mahatva)

हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन (त्रयोदशी) पर रखा जाता है. प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. प्रदोष को प्रदोष कहने के पीछे एक कथा जुड़ी हुई है. चंद्र को क्षय रोग था, जिसके चलते उन्हें मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा था. भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन पुन:जीवन प्रदान किया. इसलिए इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा. प्रत्येक माह में जिस तरह दो एकादशी होती हैं, उसी तरह दो प्रदोष भी होते हैं. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ही खास महत्व है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)