Pitru Paksha 2023 Ends Date: भारत में हिंदू धर्म के ज्यादा होने से यहां पर हर तिथि पर कोई ना कोई पूजा या व्रत-त्योहार पड़ ही जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सातवां महीना अश्विन माह का होता है और इसकी शुरुआत में 15 दिन पितृ पक्ष रहता है जिसमें ऐसा माना जाता है कि सभी के पूर्वज धरती पर घूमने आते हैं और पितरों का द्वार खुला रहता है. ऐसे में अगर आपने पूजा अर्चना अच्छे से की तो उनका आशीर्वाद आपको प्राप्त हो सकता है. इस साल 29 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हुए थे लेकिन इसकी समाप्ती कब होनी है, इस साल 15 नहीं 16 दिनों का पितृ पक्ष पड़ा है और भी कई बातें हैं जिनके बारे में लोग जानना चाहते हैं. तो चलिए आपको इससे जुड़ी कुछ बातें विस्तार में बताते हैं.

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कब समाप्त हो रहे पितृ पक्ष? (Pitru Paksha 2023 Ends Date)

हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म और पिंडदान करते हैं. पितृ पक्ष का समय हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक निर्धारित किया गया है. लेकिन कभी कभी तिथियां कम या ज्यादा होने के कारण ये दिन भी घटते-बढ़ते रहते है. आमतौर पर पितृ पक्ष 15 दिनों का ही होता है लेकिन कभी कभी ये 16 या 17 दिनों का भी हो जाता है. 15 दिन के पितृपक्ष हर दूसरे साल होते हैं जबकि 16 दिन के पितृपक्ष हर तीसरे साल होते हैं और 17 दिनों के पितृपक्ष हर आठवें साल पड़ते हैं. इनके दिन बढ़ने के कारण पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने वालों का तर्पण करने के लिए एक या दो दिन ज्यादा मिल जाता है.

ऐसे में उनके पूर्वज और भी प्रसन्न होते हैं जिससे उनका आशीर्वाद उन्हें मिलता है और पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. इसके साथ ही उनके ऊपर उनके पूर्वजों का आशीर्वाद भी बना रहता है. ऐसा बताया जाता है कि पितृपक्ष देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण से उरन होने का मार्ग बताता है. पूर्व में 84 लाख देवता, उत्तर में सप्त ऋषि, दक्षिण में यम के 16 नाम से पूर्वजों को वैतरणी पार करने के लिए भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न काली तिल से तिलांजलि दी जाती है.

इस साल कितने दिन का है पितृ पक्ष?

विक्रम संवत 2080 में अधिक मास पड़ा और इसके कारण पितृ पक्ष 16 दिन के हुए. हर तीसरे साल अधिक मास पड़ता है जिसके कारण पितृपक्ष 16 दिनों के हो जाते हैं. जबकि समानुभाव में हर दूसरे साल में 15 दिनों के पितृपक्ष पड़ते हैं और हर आठवीं साल में 17 दिनों के पितृ पक्ष होते हैं जिसके बारे में हमने आपको विस्तार से ऊपर बता दिया है. जिनके घरों में किसी की मृत्यु हो जाती है तो वो पितरों में मिल जाते हैं फिर चाहे मरने वाला घर में छोटा हो या फिर कोई बड़ा हो. मरने के बात पितरों में मिलने के कारण उनका तर्पण भी जरूरी है और ये पूजा घर का बेटा या बेटी कोई भी कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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