नवरात्रि (Navratri) में पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. अष्टमी और नवमी के दिन लोग कन्या पूजा के साथ हवन भी करते हैं. नवरात्रि में कन्या पूजन (Kanya Pujan) करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. कन्या की पूजा के साथ-साथ एक लड़के की भी पूजा की जाती है. जिसे बटुक पूजा भी कहते हैं. जिसकी पूजा करना बेहद जरूरी है. लेकिन बटुक पूजा क्यों की जाती है और इसके पीछे क्या महत्व है, आज हम आपको बताएंगे.

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कौन है भगवान बटुक भैरव?

आपको बता दें कि भगवान बटुक भैरव की पूजा करने से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, आपद नामक एक राक्षस था. आपद के कारण कई अत्याचार शुरू हुए. जिससे तीनों लोकों के देवता बहुत परेशान हुए और इस समस्या का समाधान तलाशने लगे.

उन सभी ने भगवान शिव से इस समस्या का समाधान खोजने को कहा. जब शिव ने देवी-देवताओं की प्रार्थना सुनी, तो उन्होंने देवी-देवताओं से कहा कि वे अपनी शक्तियों से एक बच्चा पैदा करें, क्योंकि केवल एक बच्चा ही विपत्ति को मार सकता है. फिर उन सभी देवताओं ने मिलकर एक बच्चे को जन्म दिया.

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जिसका नाम बटुक भैरव रखा गया और तब भगवान बटुक भैरव ने विपत्ति का वध किया. पुराणों के अनुसार बटुक भैरव को घुंघराले बाल, कमल के समान सुन्दर हाथ और अत्यंत सुन्दर शरीर वाला बताया गया है. आपको बता दें कि भगवान बटुक भैरव शूल अस्त्र धारण करते हैं.

आपको बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कलियुग में अगर कोई आपदा आती है तो भगवान बटुक भैरव लोगों को उस आपदा से बचाने और धरती पर मौजूद लोगों को उस आपदा से बचाने के लिए अपना नया रूप धारण करेंगे. इसलिए भगवान बटुक भैरव की भी पूजा की जाती है.

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नवरात्रि में क्यों की जाती है बटुक पूजा?

कन्या पूजन में कन्याओं की पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है. कन्याओं के साथ एक लड़के को भी भोजन कराया जाता है. इसे भगवान बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है.

आपको बता दें कि इस पूजा में उस लड़के को लंगूर भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान बटुक भैरव अपने भक्तों पर अपनी कृपा से कई संकटों को दूर करते हैं.

भगवान बटुक भैरव की पूजा करने से मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है. भगवान बटुक भैरव की पूजा करने से ग्रहों के दोष दूर होते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. इसलिए नवरात्रि में भगवान बटुक भैरव की पूजा का विशेष महत्व है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)