हिंदू (Hindu) धर्म (Religion) में नवरात्रि (Navratri) को बहुत ही खास महत्व दिया गया है. साल में 4 नवरात्रि तिथियां होती हैं, लेकिन उनमें से केवल दो ही धूमधाम से मनाई जाती हैं. आपने नवरात्रि में देखा होगा कि कलश के नीचे जौ बोया जाता है. नवरात्रि में यह रस्म काफी समय से चली आ रही है और माना जाता है कि इस पर्व के दौरान जो लोग घर में नियमित रूप से कलश की स्थापना करते हैं, उनके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है.

कई बार कलश में उगी जौ हरी की जगह पीली पड़ने लगती है, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि आपने सही तरीके और नियम का पालन किए बिना कलश के पास जौ उगाए हैं और भविष्य के लिए भी अच्छा संकेत नहीं माना जाता है.

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नवरात्रि में जौ उगाने की विधि

1. शारदीय नवरात्रि के दौरान घर में जौ उगाने के लिए मिट्टी का एक साफ़ प्याला लें और इसे पानी से अच्छी तेह से धो लें.

2. इस प्याले में कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और इसके बाद इसमें मिट्टी और गोबर की सूखी खाद डालें.

3. इसमें पानी का छिड़काव करें और मिट्टी को थोड़ा सा गीला कर लें.

4. अपने प्याले की क्षमता के अनुसार जौ के दाने मिट्टी में डालें और हल्के हाथों से फैलाएं.

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जौ उगाने के नियम

1. अगर आप नवरात्रि में घर में जौ उगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि प्याला मिट्टी का ही होना चाहिए. मिट्टी को सबसे पवित्र माना जाता है.

2. जो कोई ज्वार उठाए वह स्नान आदि से मुक्त हो और स्वच्छ वस्त्र धारण करे, उसके बाद ही ज्वार उठाए.

3. मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को ज्वार नहीं उठाना चाहिए, क्योंकि उस समय शरीर को अशुद्ध माना जाता है.

4. जिस स्थान पर मिट्टी का प्रयोग किया जाता है वह स्थान स्वच्छ होना चाहिए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.