Maha Shivratri Puja and Fast timing: हिंदू धर्म में शंकर भगवान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहते हैं. भगवान विष्णु और ब्रह्मा भी महादेव की वंदना करते हैं. ऐसा माना गया है कि भगवान शिव अनादि हैं, ना उनका जन्म हुआ है और ना उनकी कभी मृत्यु हो सकती है क्योंकि महादवे को ही महाकाल भी कहा गया है. वैसे तो शिवरात्रि हर महीने आती है लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को जो शिवरात्रि पड़ती है उसे महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. Maha Shivratri 2023 का शुभ मुहूर्त और व्रत का समय क्या है चलिए आपको इसके बारे में सबकुछ बताते हैं.

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महाशिवरात्रि के दिन किस समय करें पूजा (Maha Shivratri Puja and Fast timing)

हिंदु पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 17 जनवरी की रात 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी जो 18 फरवरी की शाम 4 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगी. इस दौरान जिन श्रद्धालुओं का महाशिवरात्रि का व्रत रखना है रख सकते हैं. इसके बाद भी मान्य होगा लेकिन इसके बाद भी आप रात 12 बजे या अगले दिन भी व्रत खोल सकते हैं. महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है और इस दिन रुद्राभिषेक करवाने से महादेव प्रसन्न होते हैं. रुद्राभिषेक महादेव को अतिप्रिय है ऐसा माना जाता है इसलिए अक्सर लोग महाशिवरात्रि के दिन ही रुद्राभिषेक करवाते हैं. इस दिन व्रत रखने वालों को फलहार के नाम पर फल का सेवन करना चाहिए.

Maha Shivratri Puja and Fast timing
महाशिवरात्रि की पूजा.(फोटो साभार:Unsplash)

क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

वैसे तो शिवरात्रि का पर्व हर महीने पड़ता है लेकिन फाल्गुन मास के चतुर्दशी तिथि पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं. ऐसा माना गया है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था और उन्होंने गृहस्थ आश्रम का शुरुआत की थी. यही कारण है कि प्रत्येक साल फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का पर्व अधिक धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से इंसान को कई तरह की वैवाहिक जीवन से संबंधित समस्यां खत्म होती है और साथ ही दांपत्य जीवन में सुख समृद्धि आती है. ऐसा बताया जाता है कि इस दिन सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे. कई लोग तो 12 ज्योतिर्लिंग के प्रकट होने की खुशी में महाशिवरात्रि मनाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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