Karwa Chauth Vrat 2022:  हर साल कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ (Karwa Chauth Vrat) मनाया जाता है. इस साल यह पवित्र व्रत 13 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और तरक्की के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में इस व्रत को बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से पहले एक बार सरगी खाकर, फिर पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा कर और अर्घ्य देकर पारण करती हैं. चंद्रोदय की पूजा के बाद पत्नियां अपने पतियों के हाथ से जल ग्रहण करती हैं और कुछ मीठा खाकर अपने व्रत को खोलती हैं. पौराणिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं जब तक ये कथा नहीं सुनती है तो यह पूजा अधूरी मानी जाती है.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022: करवा चौथ में करवा की पूजा क्यों की जाती है? जानें असल वजह

करवा माता की कथा

कहा जाता है कि,एक समय की बात है जब देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थी. एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने के लिए गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी में खींच लिया. मृत्यु को सामने देख करवा के पति करवा को पुकारने लगे. करवा दौड़कर नदी के पास पहुंचीं और पति को मृत्यु के मुंह में ले जाते मगर को देखा. करवा ने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया. करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छ कच्चे धागे में बंध गया. करवा के पति और मगरमच्छ दोनों के प्राण संकट में फंसे थे.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022: करवा चौथ व्रत पर ऐसे तैयार करें केसरिया पेड़ा, हर कोई बोलेगा भाई वाह!

करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए कहा. यमराज ने कहा मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि अभी मगरमच्छ की आयु शेष है और तुम्हारे पति की आयु पूरी हो चुकी है. क्रोधित होकर करवा ने यमराज से कहा, अगर आपने ऐसा नहीं किया तो मैं आपको श्राप दे दूंगी. सती के शाप से भयभीत होकर यमराज ने तुरंत मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और करवा के पति को जीवनदान दिया, इसलिए करवा चौथ के व्रत में सुहागन स्त्रियां करवा माता से प्रार्थना करती हैं कि हे करवा माता जैसे आपने अपने पति को मृत्यु के मुंह से वापस निकाल लिया वैसे ही मेरे सुहाग की भी रक्षा करना.

करवा माता की तरह सावित्री ने भी कच्चे धागे से अपने पति को बांधकर वट वृक्ष के नीचे लिटा दिया और यमराज से उसका जीवनदान मांगा.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022: प्रेगनेंसी में करवा चौथ का व्रत कैसे रखें, यहां जानें उपाय

करवा चौथ की आरती

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।

यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।

दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।

गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।

व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.