Kanya Sankranti 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल 12 संक्रांति मनाई जाती हैं. कन्या संक्रांति भी इनमें से एक है. जब सूर्य एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उस घटना को संक्रांति कहा जाता है. कन्या संक्रांति का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाएगा. ऐसा माना जाता है कि सभी संक्रांतियों पर दान और धार्मिक कार्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कन्या संक्रांति पर लोग गरीबों को दान भी देते हैं. इसके साथ ही अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की जाती है.

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सूर्य कन्या राशि में करेगा प्रवेश (Kanya Sankranti 2023)

भाद्रपद माह में सूर्य सिंह राशि में परिभ्रमण कर रहा था, लेकिन अब 17 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेगा. इसे कन्या संक्रांति कहा जाता है और उस समय को संक्रमण काल कहा जाता है. उन्होंने बताया कि संक्रांति अपने आप में पूर्णता प्रदान करती है और इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना चाहिए.

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राशि के अनुसार पड़ता है प्रभाव

पहले लोग संक्रांति पर सत्यनारायण की पूजा करते थे और सत्यनारायण की कथा सुनाते थे, लेकिन अब यह सब धीरे-धीरे विलुप्त होता जा रहा है. संक्रांति का पर्व अपने आप में उदयकाल का पर्व है. यह संबंधित राशि का उदय काल है. लोगों की राशि के अनुसार इसका अलग-अलग प्रभाव पड़ता है.

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सूर्य को प्रसन्न करने के उपाय

यदि किसी व्यक्ति की कन्या राशि पर सूर्य शुभ प्रभाव छोड़ता है तो यह उसके लिए बेहतर होता है. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कन्या राशि के जातकों को कन्या संक्रांति के दिन दान करना चाहिए ताकि वे अपनी आर्थिक समस्याओं को दूर कर सकें और समस्याओं का समाधान करके अपने भविष्य को बेहतर बना सकें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)