Hartalika Teej 2023: इस साल हरतालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी. हरतालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. यह कठिन व्रतों में से एक है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. हरतालिका तीज पर पूजा के दौरान विवाहित महिलाएं देवी पार्वती को सुहाग सामग्री चढ़ाती हैं ताकि उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिले. उस दिन वैवाहिक सुख के प्रतीक सिंदूर का भी महत्व होता है. व्रत के दिनों में पीला सिंदूर लगाया जाता है, जबकि अन्य दिनों में लाल सिंदूर लगाने की परंपरा है. हरतालिका तीज के दिन महिलाएं पीला सिंदूर क्यों लगाती हैं?

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हरतालिका तीज पर महिलाएं पीला सिंदूर क्यों लगाती हैं? (Hartalika Teej 2023)

नारी को शक्ति का स्वरूप माना जाता है. उनमें अपार शक्ति है. पीले सिंदूर में पारा मिश्रित होता है जो शीतलता प्रदान करता है. शादीशुदा महिलाएं जब पीला सिंदूर लगाती हैं तो मन शांत और शरीर को ठंडक मिलती है. पीला सिंदूर सुहाग का प्रतीक माना जाता है और यह देवी पार्वती को भी प्रिय है.

महिलाएं लाल सिंदूर क्यों लगाती हैं?

लाल सिंदूर को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. उन्हें लाल सिंदूर पसंद है. हिंदू धर्म में पत्नी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, इसलिए शादीशुदा महिलाएं दैनिक जीवन में लाल सिंदूर का प्रयोग करती हैं, लेकिन व्रत-त्योहारों में पीला सिंदूर लगाती हैं.

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हरतालिका तीज पर लाल सिंदूर लगाएं या पीला?

अब आप जान गए होंगे कि लाल और पीले सिन्दूर का धार्मिक महत्व क्या है. हरतालिका तीज का व्रत अखंड सौभाग्य की कामना से किया जाता है इसलिए हरतालिका तीज के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को पीला सिंदूर ही लगाना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)