हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. हर महीने दो बार एकादशी आती है- पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. आपको बता दें कि जून महीने (June 2023 Ekadashi) में पड़ने वाली पहली एकादशी 14 जून को पड़ रही है, जिसे हम योगिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. वहीं दूसरी एकादशी 29 जून (June 2023 Ekadashi) को पड़ रही है, जिसे हम देवशयनी एकादशी के नाम से जानते हैं. गौरतलब है कि एकादशी का दिन पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है. तो चलिए जानते हैं जून माह (June 2023 Ekadashi) में पड़ने वाले एकादशी के बारे में विस्तार से.

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योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2023)

योगिनी एकादशी का अपना विशेष महत्व है. ‘योगिनी एकादशी ‘तो प्राणियों को उनके सभी प्रकार के अपयश और चर्म रोगों से मुक्ति दिलाकर जीवन सफल बनाने में सहायक होती है. यह देह की समस्त आधि-व्याधियों को नष्ट कर सुंदर रूप,गुण और यश देने वाली है. इस व्रत का फल 88 हज़ार ब्राह्मणों को भोजन कराने के फल के समान है. योगिनी एकादशी महान पापों का नाश करने वाली और महान पुण्य-फल देने वाली है. योगिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है. साथ ही भगवान विष्णु जी के साथ-साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस बार योगिनी एकादशी 14 जून को पड़ रही है.

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देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023)

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. पुराणों के अनुसार, इस दिन से चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं. इस चार महीनों में मांगलिक कार्यों की मनाही होती है. इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को पड़ रही है. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाएंगे. अगले चार महीने तक शुभ कार्य वर्जित हो जाएंगे, इसे चातुर्मास कहते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)