Budhwa Mangal 2022: हिंदू (Hindu) धर्म (Religion) के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमान (Hanuman) जी को समर्पित
है. भाद्रपद मास के अंतिम मंगलवार को बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal 2022) के रूप में मनाया जाता है. आज 6 सितंबर को बुढ़वा मंगल है. धार्मिक मान्यता के अनुसार  बुढ़वा मंगल हनुमान जी के वृद्धावस्था रूप को
समर्पित है. इस दिन भक्त हनुमान जी से आशीर्वाद पाने के लिए उपवास (Fast) और पूजा (Puja) करते
हैं. आइए जानते हैं बुढ़वा मंगल पर हनुमान जी को कैसे प्रसन्न करें और बुढ़वा मंगल
की पूजा का क्या महत्व है.

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बुढ़वा मंगल पर कैसे करें पूजा 

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन
सुबह स्नान कर हनुमान जी की मूर्ति पर लाल फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही लाल चंदन का
टीका हनुमान जी पर लगाएं. ऐसा करने के बाद हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठ जाएं
और हनुमान चालीसा का पाठ करें. मंगलवार के व्रत में शाम के समय हनुमान जी को
प्रसाद चढ़ाकर व्रत तोड़े.ऐसे में मंगलवार के व्रत में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कहा जाता है कि इस नियम का पालन किए बिना व्रत का
उचित फल नहीं मिलता है.

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बुढ़वा मंगल का महत्व 

पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल
में हजारों हाथियों के बल वाले भीम अपने बल पर बहुत घमंड और अभिमान हो गया था. भीम
के इस अभिमान को तोड़ने के लिए रुद्र अवतार हनुमान जी ने वृद्ध वानर का वेश बनाकर
उनके अभिमान को चकनाचूर कर दिया. कहा जाता है कि जिस दिन हनुमान जी ने भीम का
अभिमान तोड़ा, वह दिन मंगलवार था. जिसे बाद में
बुढ़वा मंगल कहा जाने लगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार रामायण काल में भाद्रपद मास
के अंतिम मंगलवार को रावण ने माता सीता की खोज में लंका पहुंचे हनुमान जी की पूंछ
में आग लगा दी थी. हनुमान जी ने दैत्य का रूप धारण कर लंका जलाकर रावण के अभिमान का
नाश किया था.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.