हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस व्रत का पारण द्वादशी के दिन मुहूर्त में किया जाता है. इस साल 06 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा. इसे परिवर्तिनी एकादशी, जलझूलनी एकादशी, पद्म एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चतुर्मास के दौरान पाताल लोक में क्षीर निंद्रा में वास कर रहे भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं, इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी है.

यह भी पढ़ें: Anant Chaturdashi 2022: कब मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, जानें गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

क्रोध न करें

एकादशी का पावन दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करना चाहिए. एकादशी के दिन क्रोध नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए.

चावल का सेवन न करें

किसी भी एकादशी तिथि पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है. ऐसे में परिवर्तिनी एकादशी के दिन जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Vastu Tips: किचन की ये 4 चीजें कभी किसी को न दें, वरना हो सकते हैं कंगाल

गलत विचान न लाएं

एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. मान्यता के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.

यह भी पढ़ें: Mahalaxmi Vrat Udyapan Vidhi: कैसे करते हैं महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन?

मांस मदिरा का सेवन करें

एकादशी के दिन मांस- मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. यदि आप व्रत नहीं करते हैं तो एकादशी के दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.