Holika Dahan Story in Hindi: होली के पर्व का हिंदू धर्म में अधिक महत्व है. होली को देशभर में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. होली का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. होली के पर्व को रंगों का त्योहार कहा जाता है. हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली मनाई जाती है. होली के मौके पर लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलते हैं और स्वादिष्ट पकवान का स्वाद लेते हैं. इस साल होलिका दहन फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन 7 मार्च (Holika Dahan 2023 Date) को है. इस लेख में में हम आपको बताएंगे होलिका दहन का पर्व क्यों मनाया जाता है और इसको मनाने की कहानी क्या है.

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होलिका दहन कहानी (Holika Dahan Story)

होलिका दहन से जुड़ी एक प्रचलित पौराणिक कथा है. इस कथा के मुताबिक, भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद पर उसका पिता हिरण्यकश्यप क्रोधित रहता था. क्रोध की वजह थी कि बेटे प्रह्लाद का भगवान विष्णु के प्रति सच्ची आस्था. हिरण्यकश्यप चाहता था कि प्रह्लाद श्री भगवान विष्णु की पूजा छोड़कर उसकी पूजा करे. लेकिन प्रह्लाद को यह बात स्वीकार नहीं थी. वे हमेशा विष्णु भगवान की पूजा करता था. प्रह्लाद पर हिरण्यकश्यप ने कई बार हमले करवाए. लेकिन विष्णु जी के आशीर्वाद से प्रह्लाद बच जाते थे.

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लेकिन अंत में प्रह्लाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद ली. होलिका को यह वरदान मिला हुआ था कि वे आग से नहीं जलेगी. हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ जाए. होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई.

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इस दौरान प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करते रहे. इस बार भी प्रहलाद को आग की लपटें छू भी नहीं पाई. लेकिन इसके विपरीत वरदान प्राप्त होलिका आग की भेंट चढ़ गई. तब से ही होलिका दहन मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई और यह परंपरा आज भी जारी है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)