Guru Nanak Dev: गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे. गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ई. को कार्तिक पूर्णिमा के दिन, पंजाब (पाकिस्तान) क्षेत्र में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नाम गांव में हुआ था. हालांकि, वर्तमान में उनके जन्मस्थल की बात करें, तो वह अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद ननकाना साहिब में है. अब इस जगह का नाम नानक देव के नाम से जाना जाता है. यहां देश विदेश से लोग चर्चित गुरुद्वारा ननकाना साहिब के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. बताते हैं कि सिक्ख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने इस गुरुद्वारा ननकाना साहिब का निर्माण कराया था.

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गुरु नानक देव का असली नाम क्या था?

गुरुनानक देव जी के असली नाम की बात करें, तो उनका असली नाम ‘नानक’ था. इसके साथ ही उनका उप नाम बाबा नानक था. इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से सम्बोधित करते हैं.

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गुरु नानक देव जी के वंशज

गुरु नानक देव जी के वंशज के बारे में इतिहासकारों में विवाद है. जिसमें हिंदु और सिखों के बयान अलग-अलग हैं, इसलिए इनके वंशज के बारे में बताना थोड़ा मुश्किल है.

गुरुनानक देव विकिपीडिया पर आपको विस्तार में जानकारी मिल सकती है. जहां पर बताया गया है कि नानक सिखों के प्रथम गुरु हैं. इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से सम्बोधित करते हैं. नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबन्धु – सभी के गुण समेटे हुए थे. इनकी समाधि स्थल गुरुद्वारा ननकाना साहिब पाकिस्तान में स्थित है. इसके साथ ही साथ जन्म मरण स्थान के साथ साथ उनके दो बच्चों श्री चंद और लक्ष्मी दास का नाम मौजूद है.

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गुरू नानक जी की वाणी

गुरू नानक जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज के कल्याण में लगा दिया. इसके साथ ही साथ वह हमेशा अपनी वाणी के माध्यम से लोगों को प्रेम से रहने के लिए प्रेरित करते थे और सभी तरह के जाति धर्म का त्याग कर के परमात्मा की भक्ति  में लीन होने का मार्ग दिखाते थे.

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गुरूनानक जी की मृत्यु कब और कहां हुई

जानकारों की मानें, तो अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करने के कुछ समय बाद, गुरु नानक की मृत्यु 22 सितंबर 1539 को करतारपुर में 70 वर्ष की आयु में हुई.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.