Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi: भाद्रपद का महीना 1 सितंबर से शुरू है और ये महीना बहुत ही पावन माना जाता है. इस माह के कृष्ण पक्ष में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तो शुक्ल पक्ष में भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था. इस साल ये दिन 19 सितंबर दिन मंगलावर से शुरू हो रहा है. इस दिन को देशभर में गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है और गणेश महोत्सव मुख्यरूप से महाराष्ट्र में मनाते हैं लेकिन अब इसका प्रचलन देशभर में हो गया है. भगवान गणेश की पूजा हिंदू धर्म में सर्वप्रथम की जाती है और उनकी ये पूजा बहुत ही विशेष है जिसे विधिवत करना जरूरी होता है. तो चलिए आपको बताते हैं गणेश चतुर्थी की पूजा कैसे करनी चाहिए.

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कैसे करें गणेश चतुर्थी की पूजा? (Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi)

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे से शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01:43 बजे तक रहेगी. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. इस साल गणेश चतुर्थी के दिन रवि योग बन रहा है, जो सुबह 06:08 बजे से दोपहर 01:48 बजे तक है. गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ समय सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक है. ऐसे में गणेश चतुर्थी की पूजा विधिवत ही करनी चाहिए जिससे आपको भगवान गणेश की कृपा प्राप्त हो सके. गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करके गणेश जी की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित कर उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठना चाहिए. इसके बाद आपको गणेश यंत्र की स्थापना करनी चाहिए.

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संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं. (फोटो साभार: Twitter/@NiteshNRane)

पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें. ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन जो भक्त सच्चे मन और विश्वास के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उस पर भगवान गणेश की विशेष कृपा बरसती है और उसके जीवन में कभी भी संकट का सामना नहीं करना पड़ता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, भगवान गणेश की माता पार्वती हैं और पिता भगवान शंकर हैं. गणेश जी को गजानन, विनायक, गणपति जैसे नामों से भी जाना जाता है. गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है जिस दौरान लोग गणपति को स्थापित करते हैं और 3, 5, 7 या 10 दिनों में गंगा जी में विसर्जित कर देते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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