नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का शुभ अवसर आते ही लोग धूमधाम से व विधि विधान से मां दुर्गा के पूजन में लग जाते हैं. इस दौरान नवरात्रि में हम कलश की स्थापना करते हैं और नारियल आदि से मां की पूजा (Puja) करते हैं. इस दौरान जौ बोने का भी रिवाज है, लेकिन नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) खत्म होने के बाद लोगों को यह नहीं पता होता है कि कलश के साथ रखे पानी का क्या करें और उस पर रखे नारियल का क्या करें. इतना ही नहीं लोगों को यह भी पता नहीं होता है की बोई गई जौ का हमें क्या करना चाहिए. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि के बाद बोई गई जौ का क्या करना चाहिए.

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नवरात्रि में बोए जाने वाले जौ का महत्व

आपको बता दें कि नवरात्रि में बोए जाने वाले जौ का विशेष महत्व माना जाता है. क्योंकि बहुत से लोग जौ बोते हैं, लेकिन सभी लोगों द्वारा बोया गया जौ एक जैसा नहीं होता है. सभी लोगों का जौ अलग होता है. किसी की जौ लंबी और किसी की जौ छोटी होती है. इस प्रकार जौ की उपस्थिति अपने आप में एक शुभ और अशुभ सूचक मानी जाती है. अगर आपका जौ ऊपर से हरा और नीचे से सफेद है, तो यह एक शुभ संकेत है. माना जाता है कि आने वाला समय बहुत अच्छा रहने वाला है. जौ के छोटे और अच्छी स्थिति में न होने के संकेत से यह माना जाता है कि हमारे जीवन में परेशानियां आने वाली हैं.

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नवरात्रि के बाद जौ का क्या करें?

नवरात्रि खत्म होने के बाद हम जौ के कुछ पत्ते निकालकर उन पत्तों को अपने पूजा स्थल पर रख देना चाहिए. ऐसा करने से जौ में स्फूर्ति आती है. नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) समाप्त होने के बाद जिस तरह हम कलश को उठाकर उसके पानी को किसी पेड़ में डाल देते हैं, उसी तरह हमें जौ के दो-तीन पत्ते तोड़कर पीपल के पेड़ के निचे रख देने चाहिए या फिर किसी बहते हुए पानी में विसर्जीत कर देने चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है).