कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ (Karwa Chauth 2022) का व्रत रखा जाता है. करवा चौथ के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत धारण करती हैं. इस साल करवा चौथ के व्रत को लेकर लोगों में बड़ी विडंबनाएं हैं, क्योंकि इस बार शुक्र डूबा चल रहा है. शास्त्रों के अनुसार शुक्र अस्त होने पर किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है और 20 नवंबर तक शुक्र अस्त रहेगा. ऐसे में अगर आप पहली बार व्रत धारण करने जा रही हैं, तो आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022 पर 46 साल बाद बन रहा ऐसा अद्भुत संयोग, जान लें क्या है मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

करवा चौथ का व्रत पूरी तरह से मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलती है.  करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर 2022, बुधवार को रात में 2 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी और वह 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार को रात 2 बजकर 50 बजे पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 13 अक्टूबर को ही करवा चौथ का व्रत रखना शुभ माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022: मेहंदी का रंग गाढ़ा करने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय

नवविवाहित महिलाएं इस बात का रखें ध्यान

जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता  है.  शुक्र अस्त होने की वजह से जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का  व्रत धारण करने के बारे में सोच रही हैं, उनको इस साल व्रत नहीं रखना चाहिए, क्योंकि शुक्र के अस्त होने की स्थि​ति में करवा चौथ व्रत रखने से सौभाग्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए इस बार उन्हें व्रत नहीं धारण करना चाहिए और इसके साथ ही  करवा चौथ व्रत का उद्यापन भी नहीं करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth Vrat 2022: इस बार करवा चौथ पर नवविवाहित महिलाएं ना रखें व्रत

शुक्र अस्त का क्या पड़ता है प्रभाव? 

ज्योतिषीय शास्त्र के मुताबिक, जब कोई ग्रह सूर्य के नजदीक पहुंच जाता है तो वह अस्त हो जाता है. अर्थात उसका प्रभाव कम हो जाता है. इसलिए इन ग्रहों के द्वारा होने वाले शुभ फल नहीं मिलते हैं. इसलिए जब शुक्र अस्त होता है, तो इसका असर सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्यों में पड़ता है. क्योंकि शुक्र की स्थिति के हिसाब से ही कोई मुहुर्त निकाला जाता है. ऐसे में करवा चौथ का व्रत रखने से किसी प्रकार का लाभ नहीं होगा, बल्कि नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए नवविवाहित महिलाओं का व्रत धारण न करना उचित होगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)