हिंदू धर्म (Hindu Religion) में वैसे तो पितृ पक्ष (Pitru Paksha) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इस पक्ष में शुभ कामों जैसे पूजा-पाठ, शादी-विवाह, हवन आदि नहीं कराया जाता. लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल बार-बार उठता है कि क्या इस पक्ष में बच्चे का जन्म (Child Birth)होना शुभ होता है या अशुभ. तो आइए आज इसी बात का जिक्र हम अपने आर्टिकल में करते हैं और जानते हैं कि इस पक्ष में बच्चे का जन्म लेना अच्छा होता है या बुरा.

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इन दिनों पितृ पक्ष चल रहे हैं, जिसमें लोग अपने पितरों को याद कर उनका  श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं. 15
दिन तक चलने वाले इस पितर पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को खुश करने
के लिए गरीबों को दान, गाय, चिड़िया,
कुत्ते को खाना खिलाते हैं. मान्यता है कि पितर पक्ष के महीने में शादी,
विवाह, कथा आदि नहीं कराना चाहिए, ऐसा करना
शुभ नहीं माना जाता.लेकिन लोगों के मन में एक सवाल बहुत आता है कि अगर इस महीने में
बच्चे का जन्म होता है, तो फिर उसे शुभ माना जाएगा या अशुभ.
तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का असली कारण.

वैसे तो जन्म
और मृत्यु किसी के हाथ में नहीं होती ये तो ऊपर वाले की मर्जी होती है कि कब कौन
जन्म लेगा और कब किसकी मौत होगी. लेकिन हमारी कुछ मान्यताएं हैं जो पहले से चली आ
रही हैं. अक्सर उन मान्यताओं की वजह से लोगों के मन में कई प्रकार की शंका घर कर
जाती है और वो ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या शुभ है और क्या गलत. कुछ ऐसे
ही तर्क बच्चे के जन्म को लेकर भी हैं.

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– कहा जाता है कि पितृ पक्ष के महीने में जन्मे बच्चे बहुत शुभ होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
इस बच्चे का स्वभाव बहुत रचनात्मक होता है. वे अपनी रचनात्कता के माध्यम से बहुत
यश प्राप्त करते हैं.

-इस दौरान जन्मे
बच्चे को पूर्वजों का खूब आशीर्वाद मिलता है. ऐसे बच्चे परिवार के लिए बहुत शुभ
साबित होते हैं. 

– पितृ पक्ष में बच्चे के जन्म लेने से घर बरकत
आती है. और ये बहुत शुभ होता है.

-पितृ पक्ष में जन्मे बच्चे आगे चलकर बहुत
नाम और यश कमाते हैं और अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं.

– पितृ पक्ष के महीने में पूर्वज अपने घर आते हैं
ऐसी मान्यता है लोगों की. मान्यता है कि पितर अपने परिवार से मिलने किसी भी रूप
में आ सकते हैं, जैसे- गाय, कुत्ता,
बिल्ली, कौवा. इसलिए पितर पक्ष के महीने में
लोग किसी को भी अपने घर से खाली हाथ नहीं लौटाते हैं. इस कारण पितर पक्ष के महीने
में लोग पिंडदान, श्राद्ध आदि कराते हैं घर की सुख समृद्धि
के लिए. 

– बता दें कि पितृ पक्ष का महीना 10 सितंबर पूर्णिमा से शुरू हुआ है जिसका समापन 25 सितंबर
अमावस्या के दिन होगा. फिर अगले दिन से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो जाएगा.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.