हिंदू धर्म में अधिकमास (Adhik Maas Ke Niyam) या फिर मलमास का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस महीने को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जानते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर 3 साल में एक बार अधिक मास पड़ता है. जो की साल 2023 में सावन के महीने में 18 जुलाई 2023 से शुरू होकर 16 अगस्त 2023 तक रहने वाला है. अधिक मास (Adhik Maas Ke Niyam) को मलमास, संसर्प मास, पुरुषोत्तम मास और मलमास के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि अधिक मास का महीना पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है. ऐसे में इस दौरान आपके द्वारा किए गए कार्य पूजा पाठ से मिलने वाले पुण्य फल को प्रभावित करते हैं. ज्योतिषविदों के अनुसार, इस माह के दौरान बहुत सारे नियम कानूनों का पालन करना जरूरी होता है. तो चलिए जानते हैं.

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अधिक मास के दौरान किए जाने वाले नियम –

1- अधिक मास में स्नान-दान, तप, पूजन, धार्मिक अनुष्ठान आदि का बहुत ही खास महत्व माना गया है.

2- अधिक मास के दौरान प्रतिदिन 108 बार मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करना कल्याणकारी माना गया है.

3- अधिक मास के समयावधि में मंदिर में ध्वजा का दान करना शुभ होता है.

4- अधिक मास या मलमास के दौरान एक समय ही भोजन करना उत्तम माना गया है.

5- अधिक मास के दौरान दान दक्षिणा का विशेष महत्व माना गया है, ऐसे में इस मास में भगवान श्री विष्णु के नाम से दीपदान करना चाहिए.

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6- मलमास के दौरान सायंकाल में शिवालय में शुद्ध घी का दीया जलाएं.

7- मूंग, गेहूं, चावल, जौ, तिल, बथुआ, मटर, जीरा, सोंठ, सेंधा नमक, इमली, आम, ककड़ी, केला, आदि चीजों को भोजन में शामिल करना चाहिए.

8- अधिक मास के दौरान अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए.

9- इस मास के दौरान विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का वाचन कल्याणकारी साबित होता है.

10- इस मास के दौरान मांस, मदिरा और तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)